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विदेशी महिला पर्वतारोहियों का तीन दिन बाद सुरक्षित रेस्क्यू।


दो विदेशी महिला पर्वतारोहियों, अमेरिका की मिशेल थैरेसा डूरक और इंग्लैंड की फेव जेन मैनर्स, को उत्तराखंड के चौखंबा III पर्वत पर तीन दिन फंसे रहने के बाद सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। यह अभियान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी में भारतीय वायु सेना (IAF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) द्वारा संचालित किया गया।

  • घटनाक्रम का समय
    • 3 अक्टूबर: डूरक और मैनर्स ने आरोहण शुरू किया लेकिन उनके सामान खाई में गिर जाने के कारण वे फंस गईं।
    • 4 अक्टूबर: रेस्क्यू प्रयास शुरू हुए, जिसमें IAF के हेलीकॉप्टरों को खोज के लिए तैनात किया गया।
    • 5 अक्टूबर: एक फ्रांसीसी पर्वतारोहियों की टीम ने महिलाओं को ढूंढ निकाला और उनकी स्थिति के बारे में प्रशासन को सूचित किया।
    • 6 अक्टूबर: IAF ने सफलतापूर्वक दोनों पर्वतारोहियों को सुरक्षित स्थान पर लाया।
  • सामना की गई चुनौतियाँ
    रेस्क्यू ऑपरेशन में खराब मौसम और दृश्यता की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे प्रारंभिक खोज प्रयास बाधित हुए। इसके बावजूद, हवाई और भूमि-आधारित अभियानों का समन्वित रणनीति लागू की गई।
  • रेस्क्यू ऑपरेशन का विवरण
    यह ऑपरेशन बहुत ही सावधानी से योजना बनाई गई थी, जिसमें विभिन्न एजेंसियों के बीच वास्तविक समय की निगरानी और समन्वय शामिल था। SDRF ने भूमि संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जबकि IAF हेलीकॉप्टरों ने हवाई खोजें कीं।
  • परिणाम
    दोनों पर्वतारोहियों को सुरक्षित रूप से पाया गया, हालाँकि वे थकी हुई थीं, और उन्हें जोशीमठ लाया गया। उन्होंने अपनी रेस्क्यू पर राहत व्यक्त की और उनकी स्वास्थ्य स्थिति अच्छी बताई गई।
  • सराहना
    मुख्यमंत्री धामी ने इस रेस्क्यू मिशन में शामिल सभी लोगों के प्रयासों की सराहना की, विभिन्न एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय को उजागर किया। उन्होंने फ्रांसीसी टीम का भी आभार व्यक्त किया जिसने पर्वतारोहियों को खोजने में मदद की।

यह सफल रेस्क्यू ऑपरेशन हिमालय जैसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में तैयारी और सहयोग के महत्व को उजागर करता है।

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