स्ट्रोक को नजरअंदाज करना हो सकता है घातक: डा. संदीप शर्मा
मोहाली : ग्रेशियन-पार्क अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डा. संदीप शर्मा ने कहा कि स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क संबंधी किसी भी समस्या पर समय रहते ध्यान न देने से लकवा जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। मंगलवार को हॉस्पिटल में आईआर फैसिलिटीज के सहयोग से एक विशेष पोस्ट-ऑपरेटिव फॉलो-अप कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व प्रसिद्ध इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. संदीप शर्मा ने किया।
डा. शर्मा ने बताया कि आधुनिक तकनीकों के चलते अब स्ट्रोक के मरीजों का सफल इलाज संभव है। उन्होंने विशेष रूप से मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टॉमी तकनीक का जिक्र करते हुए कहा कि यह विधि न केवल स्ट्रोक बल्कि मस्तिष्क से जुड़ी कई अन्य समस्याओं के इलाज में भी बेहद प्रभावी है। यह तकनीक मरीजों को बिना किसी सर्जिकल कट के राहत देती है।
डा शर्मा ने बताया कि मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टॉमी तकनीक में किसी भी प्रकार की सर्जरी की जरूरत नहीं होती। इस विधि के जरिए मस्तिष्क की ब्लॉक नसों को खोलकर रक्त प्रवाह को सामान्य किया जा सकता है। यह प्रक्रिया किफायती होने के साथ-साथ मरीजों के लिए सुरक्षित और प्रभावी है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक लकवे के अटैक से बचाने और नस फटने की स्थिति को नियंत्रित करने में भी मददगार है।
डा. संदीप शर्मा ने हाल ही में इलाज किए गए एक मरीज का उदाहरण देते हुए बताया कि 35 वर्षीय महिला, जो बेहोशी की हालत में उनके पास लाई गई थी और जिसके शरीर का दाहिना हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था, को इस तकनीक की मदद से पूरी तरह ठीक कर दिया गया। उन्होंने बताया कि महिला के मस्तिष्क की ब्लॉक नस से थक्का हटाकर रक्त प्रवाह को सामान्य किया गया, और अब वह पूरी तरह स्वस्थ है।