ताड़ासन से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ
इस आसन की पूर्ण स्थिति में शरीर की आकृति एक ताड़ वृक्ष के समान बन जाती है इसलिए इसे ताड़ासन कहते हैं। पैरों में 2 इंच का फासला लेकर खड़े हो जाएं। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर श्वास भरते हुए हथेलियां को बाहर की ओर रखते हुए दोनों भुजाओं को सामने से सर से ऊपर इस प्रकार उठाएं की भुजाएं कानों के साथ सट जाएं। साथ ही एड़ियों को अधिक से अधिक ऊपर उठाएं और पूर्ण रूप से पंजों पर खड़े हो जाएं। पूरा भार पैर की उंगलियों पर पड़े। हथेलियां का रुख ऊपर की तरफ हो तथा बाजू कानों से अलग ना हो। शरीर को ऊपर की ओर ताने तथा आंतरिक कुंभक लगायें। श्वास निकलते हुए धीरे-धीरे वापस आए। इस आवृत्ति को दो बार और दोहराएं। शारीरिक संतुलन बना रहे।
इस आसन को करने से हमारे शरीर की सभी 206 हड्डियां प्रभावित होती हैं। शरीर का टेढापन दूर होता है। 18 वर्ष की आयु तक लंबाई बढ़ाने में सहायक है। सभी पाचन तंत्र, निष्कासन क्रिया, रक्त भ्रमण, श्वसन क्रिया तथा स्नायु तंत्र सक्रिय बन जाते हैं।
इस आसन को सभी आयु वर्ग के लोग कर सकते हैं।
एम एन शुक्ला
केंद्र प्रमुख, सेक्टर 49 चंडीगढ़ इकाई, भारतीय योग संस्थान।
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