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श्री मुक्तिनाथ वेद विद्याश्रम संस्कृत गुरुकुल में उपनयन संस्कार (जनेऊ) में बटुकों की मंत्र दीक्षा हुई, ब्रह्मचारी और वैदिक आचार्य ने शास्त्रोपदेश भी दिया


उपायुक्त पंचकूला सुशील सारवान रहे मुख्य अतिथि 
पंचकूला : सनातन परंपरा को बरकरार रखने की कोशिश। इसके तहत पंचकूला के माता मनसा देवी परिसर के श्री मुक्तिनाथ वेद विद्याश्रम – संस्कृत गुरुकुल में उपनयन संस्कार (जनेऊ) कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें ब्रह्मचारियों सहित वैदिक आचार्य हिस्सा बने। इस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह ब्रह्मचारियों एवं वैदिक आचार्यों ने यज्ञ के साथ पहले की और फिर बटुकों के यज्ञोपवीत की विधि समाप्त हुई। इसके बाद गुरुकुल के कुलाचार्य स्वामी श्रीनिवासाचार्य ने बटुकों को गायत्री मंत्र की दीक्षा व शास्त्रोपदेश दिया। साथ ही जीवन में चार चीजों का अनुसरण करते हुए चलते रहने का मंत्र संस्कृत के वाक्यों का अर्थ समझाकर दिया। आचार्य ने पांच मंत्र दिए।
बताया, पहला – सत्यं वद यानी हमेशा सत्य बोलें। दूसरा – धर्मं चर यानी चाहे कितनी भी कठिनाई क्यों न आए किसी भी परिस्थिति में धर्म के रास्ते को न छोड़े। तीसरा -ब्रह्मचारी को दिन में नहीं सोना चाहिए। चौथा – अल्पाहारी बने यानी एक बार भोजन करे। पांचवा – स्वाध्याय में प्रमाद यानी आलस्य नहीं करना है किसी सूरत में। आचार्य की आज्ञा को अपने जहन में गांठ बांधकर मेहनत करते रहना है। और इसके साथ ही शास्त्राध्ययन और वेदाध्ययन करते हुए सन्मार्ग पर चलकर निःस्वार्थ भावना के साथ समाज एवं राष्ट्रसेवा के लिए हमेशा तैयार रहना है। इस साेच के साथ आगे बढ़कर  राष्ट्र और समाज की उन्नति के लिए भविष्य में काम करना है। समाज में संस्कृति और संस्कार के उच्च आदर्शों की शिक्षा प्रदान करें।
इस कार्यक्रम में बटुकों के अभिभावकों सहित कार्यक्रम का हिस्सा बनने पहुंचे कई महानुभावों ने बटुकों को भिक्षा प्रदान की गई। इस मौके पर अवसर उपायुक्त पंचकूला सुशील सारवान मुख्य अतिथि रहे। खास मेहमान के रूप में श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की सचिव शारदा प्रजापति भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी दिनेश सिंगला ने की। कार्यक्रम में गुरुकुल के सभी माननीय सदस्यों हिस्सा बने। कार्यक्रम के धन्यवाद ज्ञापन गुरुकुल के सचिव जयकिशन सिंगल ने किया। इसके बाद सभी महानुभावों को भंडारा प्रसाद वितरण किया गया।
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