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पितृ पक्ष में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण के महत्व को देखते हुए श्री श्याम परिवार ट्राईसिटी, चण्डीगढ़ ने की भावी आयोजन की रूपरेखा तैयार


श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से पितृ ऋण, देव ऋण और ऋषि ऋण से मुक्ति मिलती है व पितरों को भी शांति मिलती है : कस्तूरी लाल बंसल

चण्डीगढ़ : श्री श्याम परिवार ट्राईसिटी, चण्डीगढ़ के तत्वाधान में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 26 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक प्रतिदिन शाम 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक अग्रवाल भवन, प्लॉट नंबर 1, सेक्टर 30-ए में किया जा रहा है जिसमें परमपूज्य महाराज श्री रविनंदन शास्त्री जी कथा व्यास होंगे। कथा के आयोजन की तैयारियों के सिलसिले में संस्था के पदाधिकारियों विनोद मित्तल, बिजेंद्र कश्यप, अमन सिंगला, अश्विनी गुप्ता, कस्तूरी लाल बंसल, वेद बंसल व विजय गोयल ने एक बैठक कर कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा की।

कस्तूरी लाल बंसल ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि 26 सितंबर को दोपहर 3 बजे से सेक्टर 20 स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर से शुरू होकर कथास्थल तक कलश यात्रा निकाली जाएगी। तत्पश्चात पहले दिन श्रीमद्भागवत माहात्म्य, द्वितीय दिन श्री शुकदेव प्राकट्य व भीष्म कुंती स्तुति, तृतीय दिवस को परीक्षित प्रकरण, सृष्टि क्रम, ध्रुव व प्रह्लाद चरित्र एवं वामन प्राकट्य, चतुर्थ दिवस को राजा अंबरीश चरित्र, श्री राम एवं श्री कृष्ण जन्मोत्सव, षष्टम दिवस को महारास, मथुरा गमन, कंस वध एवं रुक्मणि मंगल महोत्सव एवं सप्तम दिवस को द्वारिका लीला व सुदामा चरित्र वर्णन के पश्चात् कथा विश्राम होगा

कस्तूरी लाल बंसल ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने का बड़ा ही महत्व है क्योंकि इसका श्रवण करने से हमें पितृ ऋण, देव ऋण और ऋषि ऋण से मुक्ति मिलती है व पितरों को भी शांति मिलती है। आत्मिक शांति के साथ-साथ कष्टों से छुटकारा मिलता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। कथा श्रवण करने वाले परिवार के लिए पुण्यदायी रहता है व माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और मान सम्मान की प्राप्ति होती है।

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