महादेव को अच्छा नहीं लगता असत्य भाषण : आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री
चण्डीगढ़ : कोई भी व्यक्ति अपने उज्ज्वल चरित्र से ही समाज में प्रतिष्ठा पाता है। चरित्रवान व्यक्ति को ही भगवान महादेव की पूजा, आराधना करने का अधिकार है। सदाचार और चरित्र के विषय में शिव पुराण के अंतर्गत अनेक कथाएं आती हैं। सत्य भाषण करना यानी सच बोलना चरित्रवान व्यक्ति का एक उत्तम गुण है। सत्य बोलने वाले से भगवान महादेव प्रेम करते हैं और जो झूठ बोलता है, असत्य भाषण करता है वह भगवान महादेव को कभी अच्छा नहीं लगता।
श्री खेड़ा शिव मंदिर, सेक्टर 28 में शिव महापुराण की कथा सुनाते हुए आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री जी ने बताया कि ब्रह्मा और विष्णु का जब विवाद हुआ तो ब्रह्मा ने असत्य भाषण कर दिया, झूठ बोल दिया कि मैने अग्नि स्तंभ के अंत का पता लगा लिया है, तो उसी समय महादेव जी ने प्रकट होकर ब्रह्मा के एक सिर को काट दिया और साथ में ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि संसार में तुम्हारा कोई मंदिर नहीं बनेगा। किसी भी भी मंदिर में तुम्हारी पूजा नहीं होगी। इस प्रकार कथा संकेत करती है कि असत्यवादी व्यक्ति भगवान महादेव को अच्छा नहीं लगता। यदि हम सच्चे मायने में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो जीवन में सत्य को धारण करें, सच बोलें, असत्य भाषण से बचें, सत्य के समान कोई दूसरा धर्म नहीं है।