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श्री चैतन्य गौड़ीय मठ व इस्कॉन के संस्थापक सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद जी 150वीं जन्मतिथि मनाई


चण्डीगढ़ : आज श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, सेक्टर 20 में पूरी दुनिया में हरे कृष्णा हरे राम नाम की ध्वज पताका फहराने वाले श्री भक्त सिद्धांत सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद की 150वीं जयंती बड़े हर्ष, उमंग एवं विधिपूर्वक मनाई गई। मठ के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि भक्तों में सुबह से ही अपने इस महानायक की जयंती के उपलक्ष में उल्लास एवं उमंग भरा हुआ था। मंगल आरती के पश्चात मठ के स्वामी श्री वामन जी महाराज जी ने भक्तों को संबोधित करते हुए बताया कि सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद जी का जन्म उड़ीसा के पुरी जिले में हुआ था। उनके पिता तत्कालीन सरकार में मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात थे। बचपन में ही भगवत गीता के श्लोक कंठस्थ कर लिए थे। वे अपने समय के ज्योतिष विद्या के बहुत बड़े निपुण ज्ञानी माने जाते थे।

उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी निरक्षर गौर किशोर दास बाबा जी महाराज जी, जोकि बहुत ही शुद्ध एवं समर्पित वैष्णव भक्त थे, को अपने आदर्श गुरु के रूप में स्वीकार किया। प्रभुपाद ने 100 करोड़ हरि नाम का जाप करने के पश्चात शुद्ध कृष्ण भक्ति के प्रचार प्रसार के लिए गौड़ीय मठ मिशन की स्थापना की। उनकी प्रेरणा स्वरूप पूरे विश्व में भगवान श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु जी का संदेश पूरी दुनिया में हरे कृष्णा नाम के आंदोलन से गूंज रहा है। उन्होंने एक ऐसी खुली छत का निर्माण किया, जिसके नीचे कोई भी बिना किसी जाति-धर्म के भेद के जाकर भगवान कृष्ण की भक्ति प्राप्त कर सकता है। दोपहर में भोग आरती के समय 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया। बड़ी संख्या में भक्तों ने नृत्य गान कर आनंद प्राप्त किया। कार्यक्रम के पश्चात बड़ी संख्या में भक्तों को भगवान को अर्पित भंडारा प्रसाद प्रदान किया गया।

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