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यह मंदिर नहीं, शुभारंभ है आत्म सम्मान का…


चण्डीगढ़ : प्राचीन कला केंद्र सेक्टर 35 और संस्कार भारती चण्डीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में मां सिद्धिदात्री ट्रस्ट के सहयोग से “श्री राम कवि सम्मेलन” का आयोजन किया गया। प्राचीन कला केंद्र की निदेशक समीरा कौसर और संस्कार भारती के मार्गदर्शक सौभाग्य वर्धन ने बताया कि बताया कि शहर में पहली बार श्री राम के ऊपर कवि दरबार का आयोजन किया गया है। मां सिद्धिदात्री ट्रस्ट की अध्यक्ष पूनम शर्मा, पूर्व मेयर ने मुख्य अतिथि सुभाष शर्मा, आर के जोशी, हितेश पुरी, रजत मल्होत्रा का स्वागत किया।

संस्कार भारती के विधा प्रमुख एवं प्रसिद्ध कवि डॉ. अनीश गर्ग ने बताया कि श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पूर्व खूबसूरत काव्य संध्या श्रीराम जी के चरणों में समर्पित की गई। सबसे पहले युवा कवि यश कांसल ने पढ़ा,” जानकी नंदनी के प्यारे जो राम है, कौशल्या के राज दुलारे राम है”, अंतर्राष्ट्रीय शायरा ईशा नाज़ ने,” बात सुन लीजिए है यही काम की, मैं मुसलमान होके भी हूं राम की”, डॉ. अनीश गर्ग ने “यह मंदिर नहीं शुभारंभ है आत्म सम्मान का.. यह उद्घघोष है राम भक्तों राष्ट्र के उत्थान का”,  डेज़ी बेदी ने कहा,”भक्ति रस की लौ से देखो जगमगाने अवध लगा”, सरिता सरीन ने कहा,”जब से राम बसे हिय में आराम हो गया है,राम कृपा से बिन बोले हर काम हो गया है”।

इस कार्यक्रम में अनिता जोशी, अनूप सरीन, सुदर्शन पराशर, मनमोहन पाठक, कामिनी राणा, इंदु सिंगल इत्यादि गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में अनिता जोशी ने सबका धन्यवाद व्यापित किया।

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