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ऋषिकेश में घूमिए इन स्थानों पर……कैसे पहुंचे ?


ऋषिकेश/उत्तराखण्ड लाइव: इन दिनों अपनी छुट्टी मनाने के लिए अगर आप भी ऋषिकेश उत्तराखण्ड आने की सोच रहे हैं तो यह लेख आपके लिए है। ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य का एक मशहूर पर्यटन स्थल है। ये उत्तर भारत में हिमालय की तलहटी में स्थित है, जिसे ‘गढ़वाल हिमालय के प्रवेश द्वार’ और ‘योग कैपिटल ऑफ़ द वर्ल्ड’ के रूप में जाना जाता है।
यह स्थान मुख्यत:रामझूला और लक्ष्मणझूला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। लेकिन इसके अलावा भी यहॉ घूमने के लिए बहुत से स्थान मौजूद हैं—

आपको बता दें, ‘विश्व की योग राजधानी’ के रूप में प्रसिद्ध, ऋषिकेश ने अपनी प्रसिद्धि तब अर्जित की जब 60 के दशक में लोकप्रिय अंग्रेजी रॉक बैंड बीटल्स ने इस जगह पर घूमने आए थे। पवित्र मंदिरों, घाटों, शांत आश्रमों और सदाबहार जंगलों से घिरे इस शांत शहर में हर किसी के लिए कुछ न कुछ जरूर है।

ऋषिकेश का त्रिवेणी घाट – पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट है। त्रिवेणी घाट पर हर शाम ‘महा आरती’ होती है। त्रिवेणी घाट हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और महाकाव्य रामायण और महाभारत में भी इसका उल्लेख है। घाट को पवित्र माना जाता है और हिंदू पौराणिक कथाओं की मानें तो कहा जाता है कि घाट के पास गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं। आप यहां कुछ देर बैठकर पानी में मछलियों को तैरते हुए भी देख सकते हैं और उन्हें खाना भी डाल सकते हैं।

बीटल्स आश्रम, ऋषिकेश – बीटल्स आश्रम, जिसे चौरासी कुटी के नाम से भी जाना जाता है, राम झूला से 1 किमी दूर ऋषिकेश के स्वराश्रम क्षेत्र में एक चट्टान पर स्थित है। यह वही आश्रम है जहां 1968 में बीटल्स बैंड ने कुछ समय रहकर ध्यान किया था और उन्होंने यहां कई गीत भी लिखे थे। यदि आप बीटल्स के प्रशंसक हैं, तो आपको इस आश्रम में जरूर जाना चाहिए और यहां की शांति का आनंद उठाएं। आश्रम परिसर में एक पूर्व मंदिर, पुस्तकालय, रसोई, महर्षि योगी का घर और मेडिटेशन झोपड़ियां हैं। आश्रम की ज्यादातर इमारतें जरजर अवस्था में हैं लेकिन दीवारों पर रंगीन भित्तिचित्र मौजूद हैं। यहां एक छोटी गैलेरी और कैफे भी है।

ऋषिकेश का तेरा मंजिल मंदिर – तेरा मंजिल मंदिर को त्र्यंबकेश्वर मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, यह ऋषिकेश के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। गंगा नदी के तट पर स्थित, मंदिर में 13 मंजिलें और एक आकर्षक सुंदर वास्तुकला है। इस मंदिर में कई देवता हैं और आपको एक ही समय में कई देवताओं की पूजा करने का मौका मिल सकता है।

शिवपुरी राफ्टिंग जोन – ऋषिकेश में अगर आपने रिवर राफ्टिंग नहीं की, तो मतलब आपका ऋषिकेश टूर अधूरा रह गया। शिवपुरी ऋषिकेश की सबसे रोमांचक जगहों में से एक है। शिवपुरी वैसे अपने रिवर राफ्टिंग एक्टिविटी के साथ-साथ आसपास के घने जंगलों और पहाड़ी दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। अब जब यहां जा ही रहे हैं, तो बॉडी सर्फिंग, क्लिफ जंपिंग और रॉक क्लाइंबिंग जैसी एक्टिविटीज में भी हाथ साफ कर सकते हैं। यहॉ बीच कैम्पिंग, पर्वतारोहण, जंगल की सैर, और जंगल ट्रेकिंग जैसी गतिविधियों के लिए भी मशहूर है।

नीर गढ़ झरना – नीरगढ़ जलप्रपात ठंडे पानी की एक सुंदर संकरी धारा है जो घने हरे जंगल के बीच एक चट्टानी इलाके में बहती है। वॉटरफॉल तक पहुँचने के लिए जंगल से होते हुए लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है और एक चट्टान से नीचे उतरना पड़ता है। इसके अलावा, आप इस जगह के चारों ओर घूमते हुए वनस्पतियों और जीवों की कई समृद्ध विविधता देख सकते हैं। इस जगह पर आकर आपको आसपास की घाटी के कुछ मनमोहक दृश्य भी देखने को मिल जाएंगे।

बंजी जंप- ऋषिकेश के कुछ लोकप्रिय पर्यटन स्थलों के साथ-साथ बंजी जंप भी लोगों के बीच एक मशहूर टूरिस्ट प्लेस बना हुआ है। अगर आपका मन कुछ थ्रिलिंगऔर मजेदार करने का कर रहा है, तो आपको ऋषिकेश के फेमस जंपिन हाइट्स जाना चाहिए, जो 83 मीटर की ऊंचाई के साथ भारत का सबसे ऊंचा बंजी जम्पिंग प्लेटफॉर्म है। बंजी जंपिंग के अलावा, इस एडवेंचर स्पोर्ट्स पॉइंट में फ्लाइंग फॉक्स और जाइंट स्विंग के भी कुछ विकल्प मौजूद हैं। रोमांच को और अधिक यादगार बनाने के लिए, इस एक्टिविटी को आप रिकॉर्ड भी करवा सकते हैं।


कुंजापुरी मंदिर ट्रैकिंग— कुंजापुरी 1645 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहां से आप उत्तर में हिमालय की चोटियां और दक्षिण में ऋषिकेश, हरिद्वार और दून घाटी के मनोरम दृश्य देख सकते हैं। कुंजापुरी मंदिर ट्रैक ऋषिकेश में ट्रेकिंग के लिए बहुत प्रसिद्ध है। नरेंद्र नगर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर गंगोत्री की ओर यात्रा करते हुए, सड़क हिंडोलाखाल में विभाजित हो जाती है, जो मंदिर की ओर जाती है, यहां से मंदिर की दूरी 5 किलोमीटर रह जाती है। एक मुख्य धार्मिक स्थल होने के कारण, पूरे वर्ष विशेष रूप से ‘नवरात्रों’ (अप्रैल और अक्टूबर) में हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं।

 

ऋषिकेश कैसे पहुंचे :— 

हवाई जहाज से:— ऋषिकेश का निकटतम एयरपोर्ट देहरादून का जौलीग्रांट है, जहां से ऋषिकेश की दूरी करीब 21 किलोमीटर है। देहरादून एयरपोर्ट से आप बस या टैक्सी के द्वारा ऋषिकेश जा सकते हैं।

ट्रेन से ऋषिकेश:– ऋषिकेश में भी रेलवे स्टेशन मौजूद है, लेकिन ऋषिकेश एक छोटा रेलवे स्टेशन है, इसलिए हरिद्वार रेलवे स्टेशन के लिए आप अपने साथ से ट्रेन पकड़ सकते हैं, जो ऋषिकेश से करीब 26 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हरिद्वार से ऋषिकेश जाने के लिए आपको बस और टैक्सी दोनों की सुविधा आसानी से मिल जाएगी।

बस से ऋषिकेश:— ऋषिकेश के लिए आपको उत्तराखंड के विभिन्न शहरों से डायरेक्ट बस मिल जाएगी इसके अलावा दिल्ली से भी ऋषिकेश के लिए उत्तराखंड रोडवेज की डायरेक्टर बस चलती है। अगर आपको भी आपके शहर से ऋषिकेश के लिए डायरेक्ट बस मिले, तो आप बस से ऋषिकेश जा सकते हैं, अन्यथा आप ट्रेन, फ्लाइट या अपनी बाइक पर कार से भी ऋषिकेश जा सकते हैं।

 

ऋषिकेश में होटल की सुविधा:– ऋषिकेश में होटल को लेकर आपको कोई भी दिक्कत नहीं होगी। यहां पर आपको काफी सारे अच्छे और महंगे होटल्स देखने को मिल जाएंगे। अगर आप ऋषिकेश घूमने जा रहे हैं, तो आप तपोवन में होटल की बुकिंग कर सकते हैं, क्योंकि आपको वहां के होटल में 800-1000 रूपए में 2 बेड का एक अच्छा रूम काफी आसानी से मिल जाएगा।

ऋषिकेश में खाने-पीने की व्यवस्था:—ऋषिकेश में खाने-पीने के लिए भी आप निश्चित रहें, क्योंकि आपको वहां पर सभी तरह की खाने-पीने की चीजें एक एवरेज प्राइस में मिल जाएगी। यानी कहा जाए तो आपको ऋषिकेश में एक दिन का खाने-पीने का खर्च 450-500 रूपए में हो जाएगा।

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