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नेशनल सिल्क एक्सपो 2025 का चंडीगढ़ में शुभारंभ


विवाह एवं त्यौहार विशेष में भारत की हथकरघा धरोहर का अनूठा संगम

चंडीगढ़ । भारत की समृद्ध हथकरघा परंपरा के भव्य उत्सव नेशनल सिल्क एक्सपो का शुभारंभ हिमाचल भवन, सेक्टर-28बी, चंडीगढ़ में हुआ। 14 से 19 अगस्त 2025 तक चलने वाले इस छह दिवसीय प्रदर्शनी में देशभर के 150 से अधिक प्रख्यात बुनकरों और डिजाइनरों की भागीदारी है, जो आगंतुकों को असली, हस्तनिर्मित फैशन और वस्त्रों का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगी।
इस बार का नेशनल सिल्क एक्सपो उपभोक्ताओं को भारत की रंगीन विविधता और प्रतिभा का एक सजीव कैलिडोस्कोप दिखाने वाला है। विशेष आकर्षण इस बार आगामी विवाह एवं त्यौहार सीज़न, खासकर करवा चौथ के लिए ब्राइडल साड़ियों पर केंद्रित है। फेस्टिवल सीज़न स्पेशल में पोचमपल्ली, मूगा सिल्क, पैठणी, कोसा सिल्क, बलुचुरी औरतसर जैसे प्रसिद्ध केंद्रों से उत्तम रेशमी और सूती साड़ियाँ, सूट, ड्रेस मटेरियल, फैशन ज्वेलरी और अन्य पारंपरिक परिधानों का संग्रह प्रदर्शित किया गया है। बिहार की मधुबनी प्रिंट वाली साड़ियाँ विशेष आकर्षण हैं, साथ ही कोसा और तसर सिल्क की साड़ियों के स्टॉल भी मौजूद हैं।


दर्शक असम मूंगा सिल्क,जो इस प्रदर्शनी का सबसे महंगा वस्त्र है—को भी आकर्षक दामों पर खरीद सकते हैं। वहीं, गुजरात की पारंपरिक बांधनी और पटोला साड़ियाँ, जो सैकड़ों वर्षों के इतिहास को समेटे हैं, भी विशेष रूप से प्रदर्शित की गई हैं। उद्घाटन अवसर पर ग्रामिण हस्तकला विकास समिति के आयोजक जयेश कुमार ने कहा कि रेशम और सूती मिश्रण वाली ड्रेप्स युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं, जो परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम हैं।
प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक निःशुल्क प्रवेश के साथ खुली रहेगी। बनारस से कांचीपुरम तक की बेहतरीन बुनाई परंपराओं का यह संगम प्रत्येक आगंतुक के लिए कुछ अनोखा और यादगार लेकर आया है।
जो भी लोग शान, प्रामाणिकता और भारत की हथकरघा कला का वास्तविक स्वाद लेना चाहते हैं, उनके लिए इस सप्ताह हिमाचल भवन ही सबसे उपयुक्त स्थान है।

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