logo
Latest

भागवत कथा वह अमृत है, जिसके पान से भय, भूख, रोग व संताप सब कुछ स्वतः: ही नष्ट हो जाता है : ईश्वर चंद शास्त्री


चण्डीगढ़ : श्रीमद् भागवत कथा के वाचन व श्रवण से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। संसार दु:खों का सागर है। प्रत्येक प्राणी किसी न किसी तरह से दुखी व परेशान है। कोई स्वास्थ्य से दुखी है, कोई परिवार, कोई धन, तो कोई संतान को लेकर परेशान है। सभी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए ईश्वर की आराधना ही एकमात्र मार्ग है। इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन का कुछ समय हरिभजन में लगाना चाहिए।

पितृ श्राद्ध के पावन अवसर पर देवालय पूजक परिषद, चंडीगढ़ द्वारा श्री ब्राह्मण सभा, चण्डीगढ़ के सहयोग से भगवान श्री परशुराम भवन, सेक्टर 37 चल रही दिव्य भागवत कथा के पांचवें दिन कथा वक्ता ईश्वर चंद शास्त्री जी ने प्रवचनों के दौरान ये बात कही। उन्होंने कहा कि भागवत कथा वह अमृत है, जिसके पान से भय, भूख, रोग व संताप सब कुछ स्वतः: ही नष्ट हो जाता है।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को मन, बुद्धि, चित्त एकाग्र कर अपने आप को ईश्वर के चरणों में समर्पित करते हुए भागवत कथा को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश हो जाता है। इस अवसर पर परिषद के प्रधान डॉ लाल बहादुर शास्त्री ने बताया कि सुबह 8 बजे से 11 बजे तक पूजन श्राद्ध आदि  कर्म एवं मूल पाठ होता है और सायं कालीन सत्र में 4 बजे से 7 बजे तक कथा प्रवचन किया जाता है तथा भक्तजनों के लिए नित्य विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।

TAGS: No tags found

Video Ad

Ads


Top