पुण्य करने से मन को सांसारिक आसक्ति से छुटकारा मिलता है : आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री
चण्डीगढ़ : पितृ श्राद्ध के पावन अवसर पर देवालय पूजक परिषद, चंडीगढ़ द्वारा परशुराम भवन, सेक्टर 37 में करवाई जा रही श्रीमदभागवत महापुराण कथा में कथा वक्ता ईश्वर चंद शास्त्री जी ने आज द्वित्तीय दिवस को नारद जी के पूर्व जीवन का वृतांत सुनाया, जिसमें उनके मुताबिक पूर्व जन्मों में किए गए सत्कर्म का फल दूसरे जन्म में मिला।
इस प्रसंग को सुनाते हुए शास्त्री जी ने बताया कि हमारे द्वारा किए गए पुण्य का फल दूसरे जीवन में मिलते है और महाभारत के प्रसंग जिसमें भगवान ने धर्म का साथ देने वाले धर्म रूपी पांडवों को विजय श्री प्राप्त करवाई एवं भगवान राग और ताल से नहीं बल्कि भाव से ज्यादा प्रसन्न होते हैं यज्ञ में मूल पाठ के आचार्य गणेश शास्त्री व मंडप आचार्य दुर्गेश बिजोला द्वारा सुबह 8 बजे से 11 बजे तक पूजन श्राद्ध आदि कर्म एवं मूल पाठ होता है और सांयकालीन सत्र में 4 बजे से 7 बजे तक कथा प्रवचन किया जाता है तथा भक्तजनों के लिए नित्य विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। कथा में आज कई विशिष्ट अतिथि आए जिनका स्वागत परिषद के प्रधान डॉ बहादुर शास्त्री, महासचिव पंडित ओम प्रकाश शास्त्री, कोषाध्यक्ष पंडित देवी प्रसाद, उपप्रधान पंडित प्रकाश जोशी एवं परिषद के अन्य कार्यकर्ता द्वारा किया गया।