कांग्रेस की टूटी कमर, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और चंडीगढ़ के दो बार मेयर रहे सुभाष चावला ने थामा कमल
आप और कांग्रेस के गठबंधन से आहत होकर सुभाष चावला ने लिया फैसला
सुभाष चावला बोले : दोनों पार्टियों विचारधारा बेमेल, कांग्रेस को आने वाले समय में उठाना पड़ेगा बड़ा नुकसान
चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में आप और कांग्रेस के गठबंधन से आहत होकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष एवं चंडीगढ़ के दो बार मेयर रहे सुभाष चावला ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। सुभाष चावला के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस की कमर टूट गई है। यही नहीं अब और कई नेता भाजपा में शामिल होने के लिए कतार में हैं। बुधवार को चंडीगढ़ भाजपा को उस समय बड़ी मजबूती मिली, जब चंडीगढ़ के दो बार मेयर रहे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चावला ने अपने पुत्र सुमित चावला और अन्य सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हाथ को बाय-बाय बोलते हुए कमल का दामन थामा। कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने से उम्मीदवार संजय टंडन को लगातार मजबूती मिल रही है और यही मजबूती भाजपा का चंडीगढ़ में तीसरी बार कमल खिलाने का आधार बनेगी।
सेक्टर-34 पार्टी कार्यालय कमलम में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा सरोज पांडेय, उम्मीदवार संजय टंडन और प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा के नेतृत्व में सुभाष चावला ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। संजय टंडन ने सुभाष चावला को पार्टी का पटका पहनाकर विधिवत रूप से पार्टी में शामिल किया। टंडन ने कहा कि सुभाष चावला वरिष्ठ नेता है, उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी में पूरा मान-सम्मान मिलेगा। उनके साथ उनका 20 साल पुराना संबंध है। भले ही दोनों अलग-अलग राजनीति पार्टियों से संबंध रखते हैं और उनकी विचारधारा भी अलग रही है, लेकिन उन्होंने भाजपा और सुभाष चावला ने कांग्रेस की तरफ एक कई बार एक मंच पर इकट्ठे होकर शहर के विकास की लड़ाई लड़ी है। साथ ही उनकी और सुभाष चावला की सोच विकास के मामले में एक जैसी है, विपक्ष में होते भी उन्होंने हमेशा शहर के विकास की पैरवी की।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्षा सरोज पांडेय ने कहा कि कांग्रेस पूरे देश में हो-हल्ला मचा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि उनके नेता की उम्र के बराबर भी कांगेस की सीटें नहीं आएंगी, क्योंकि कांग्रेस के ऊपर से लोगों का विश्वास उठ चुका है। भारत को मजबूत नेतृत्व की जरूरत है, इसलिए जनता मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है।
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सुभाष चावला ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की वैचारिक राजनीतिक की लड़ाई रही है, दोनों पार्टियां एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी मानी जाती हैं। मगर आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का समझौता होने से उन्हें बड़ी पीड़ा हुई और उन्होंने उसी दिन पार्टी को छोड़ने का फैसला ले लिया था। दोनों पार्टियों की विचारधारा पूरी तरह अलग है। कांग्रेस को इस हाल में पहुंचाने का सबसे बड़ा योगदान आप का है, इसके बावजूद भी कांग्रेस ने आप के साथ समझौता किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आप के साथ कांग्रेस का समझौता नीतिगत तौर पर सही फैसला नहीं है। आने वाले समय में चंडीगढ़ कांग्रेस को इसका नुकसान होगा। सुभाष चावला ने भाजपा उम्मीदवार संजय टंडन की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्थानीय प्रत्याशी होने के तौर पर वह मधुर, सहनशील और सेवाभाव से परिपूर्ण हैं। कोरोना के दौरान चंडीगढ़ शहर ने उनका सेवा भाव देखा है और विधवाओं को मुफ्त में राशन देना उनकी जनसेवा की सबसे बड़ी मिसाल है।
संविधान को कोई खतरा नहीं, 400 पार का उद्देश्य देश में नया बदलाव लाना
सुभाष चावला ने कहा कि संविधान की बुनियादी रचना को कोई नहीं बदल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 400 पार का नारा संविधान बदलने का नहीं है, बल्कि देश में नया बदलाव करने का है, जैसे कि धारा-370 को समाप्त किया गया है। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाई गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान को कोई खतरा नहीं है, 400 सीटों के आने का मतलब है कि जो विधेयक पिछले कार्यकाल के दौरान राज्यसभा में अटक गए थे, उन्हें पूर्ण बहुमत के साथ पास करके देश को मजबूती देना है। देश में स्थानीय नेतृत्व और सरकार होना जरूरी है, तभी देश के विकास को लेकर योजनाएं तैयार होंगी।