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ग्रीन एनर्जी के भविष्य की नींव हैं आर्किटेक्चर व सस्टेनेबल डिजाइन:मनदीप बराड़


यूटी गृह सचिव ने पीएचडीसीसीआई की 11वीं इन्स-आउट प्रदर्शनी का किया उदघाटन

चंडीगढ़ । चंडीगढ़ के गृह सचिव आईएएस मनदीप बराड़ ने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित चार दिवसीय 11वीं इन्स-आउट प्रदर्शनी का उदघाटन करते हुए कहा कि चंडीगढ़, जिसे विश्व स्तर पर सुंदर शहर के रूप में जाना जाता है, आधुनिक वास्तुकला के इतिहास में एक विशिष्ट स्थान रखता है। 20वीं सदी के शहरी नियोजन के बेहतरीन उदाहरणों में से एक के रूप में डिज़ाइन किया गया, चंडीगढ़ अपने सावधानीपूर्वक नियोजित क्षेत्रों, विशाल हरित स्थानों, कैपिटल कॉम्प्लेक्स जैसी प्रतिष्ठित संरचनाओं और अपने आधुनिकतावादी सौंदर्यशास्त्र के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि इस वास्तुशिल्प विरासत के कारण, यह शहर दुनिया भर के छात्रों और पेशेवरों को आकर्षित करता रहता है जो इसके नियोजन सिद्धांतों और वास्तुशिल्प दर्शन का अध्ययन करने के लिए आते हैं।


उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आर्किटेक्चर व सस्टेनेबल डिजाइन ग्रीन एनर्जी के भविष्य की नींव हैं। इस तरह के डिज़ाइन का उद्देश्य ऐसी संरचनाएँ बनाना है जो पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ, ऊर्जा-कुशल और सामाजिक रूप से समावेशी हों। यह नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों, प्राकृतिक प्रकाश और वायु-संचार, वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट न्यूनीकरण प्रथाओं के उपयोग को बढ़ावा देता है।
मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए पीएचडीसीसीआई चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष मधु सूदन विज ने कहा कि यह प्रदर्शनी वास्तुकला और संबद्ध क्षेत्रों के छात्रों को निर्माण और डिज़ाइन में नई तकनीकों और उभरते रुझानों से परिचित होने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान करती है।
उद्घाटन समारोह का संचालन पीएचडीसीसीआई की वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक भारती सूद ने किया,जिन्होंने शिक्षा जगत और उद्योग जगत के बीच की खाई को पाटने में ऐसी पहलों के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र के कई संस्थानों के छात्र, वास्तुकला, शहरी डिज़ाइन और नियोजन के क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए, इसमें सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
पीएचडीसीसीआई चंडीगढ़ चैप्टर के सह-अध्यक्ष सुव्रत खन्ना ने गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि आने वाले वर्षों में आईएनएस आउट्स का दायरा और विस्तार जारी रहेगा।


इस अवसर पर शहरी नियोजन और अवसंरचना विकास पर पैनल चर्चा ने चार दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें वास्तुकला और शहरी विकास के भविष्य के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की गई। आईआईए चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष, प्रोफेसर मनमोहन खन्ना ने विरासत, विकास और स्थिरता के संतुलन के लिए एक आदर्श के रूप में चंडीगढ़ की भूमिका पर ज़ोर दिया। पैनल चर्चा में इशविंदर सिंह खुराना, पॉलीकैब,जीत कुमार गुप्ता, ट्रस्टी, आईआईए कपिल सेतिया, पूर्व मुख्य वास्तुकार, चंडीगढ़, प्रो. स्वाति भेल,चंडीगढ़ विश्वविद्यालय,एचएस. भोगल, पूर्व मुख्य नगर नियोजक, पंजाब धीरज त्रेहान,दीपक मनचंदा, कृष्ण त्यागी, मिराक सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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