बड़ी खबर: IAS सविन बंसल ने संभाली जिला देहरादून की कमान।
इससे पहले जिला अल्मोड़ा व नैनीताल में रही तैनाती।
त्वरित कार्रवाई व ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं डीएम सविन बंसल।
ब्यूरो/उत्तराखण्ड लाइव : स्थलीय निरीक्षण कर त्वरित कार्रवाई करने वाले IAS सविन बंसल को सरकार द्वारा जिला देहरादून की कमान उनके हाथों में सौंपी है। मामला चाहे ट्विटर पर मिली शिकायत का हो या किसी छात्रा की पढ़ाई का, डीएम सविन बंसल जनता के लिए सरकारी जटिल प्रक्रियाओं को भी सरल करते दिखते हैं। बंसल वे पहले IAS अधिकारी हैं जिन्हें कॉमनवैल्थ स्कॉलरशिप कमीशन, यूनाइटेड किंगडम (यूके) की ओर से भारत का प्रतिनिधित्व करने का गौरव भी प्राप्त है।
सूबे में हुए IAS और PCS अधिकारियों के ट्रांसफर प्रक्रिया के चलते जिलाधिकारी सोनिका की जगह IAS सविन बंसल ने गुरुवार को देहरादून के नए जिलाधिकारी के तौर पर पदभार ग्रहण किया। सविन बंसल 2009 बैच के IAS अधिकारी हैं। मीडिया से रूबरू होते हुए सविन बंसल ने कहा कि नगर निगम की समस्याओं को दूर करना उनकी पहली प्राथमिकता है। जबकि यातायात, जमीनी विवाद, आपराधिक मामले व सरकारी योजनाओं को लेकर जन जागरूकता का काम पहले होगा। बताया कि जनता की समस्याओं को लेकर जनसंवाद यथावत चलता रहेगा, जिसमें जनता की समस्याओं को समय रहते हर हाल में दूर किया जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले जिला अल्मोड़ा व नैनीताल में बतौर जिलाधिकारी पद पर कार्यरत रहे, सविन बंसल की छवि एक ईमानदार और कर्मठ जिलाधिकारी की रही है। इनके द्वारा बतौर जिलाधिकारी पद पर रहते हुए किए गए कार्यों को जनता आज भी याद करती है। सूत्रों के मुताबिक, सविन बंसल सरकारी जटिल औपचारिकताओं से हटकर व कभी-कभी तय प्रोटोकॉल से हटकर जनता की समस्याओं को हल करते रहे हैं।
डीएम सविन बंसल की उपलब्धियां:
- एकमात्र IAS अधिकारी जिन्हें पूरे भारत से कॉमनवैल्थ स्कॉलरशिप कमीशन, यूनाइटेड किंगडम (यूके) द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए नामित किया गया।
डीएम बंसल द्वारा शासन में अपर सचिव ग्राम विकास, आयुक्त ग्राम विकास के कार्यों का सफलता पूर्वक निर्वहन किया गया। - इससे पूर्व सविन बंसल संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित Climate Resilience Summit-2022 में ‘‘आपदा जोखिम-सुशासन’’ पर भारत एवं यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
- उन्होंने नीदरलैंड के मास्ट्रिच में आयोजित संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय मेरिट में अतिथि वक्ता के रूप में भी प्रतिभाग किया।
- सम्मेलन में उन्होंने Multi-level governance & cross-border collaboration और 2013 की केदारनाथ त्रासदी के प्रबंधन और सामुदायिक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के लिए तैयार की जाने वाली रणनीति पर व्याख्यान दिया।