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जिस प्रकार भगवान श्री रामचन्द्रजी अनन्त हैं, उसी तरह उनकी कथा, कीर्ति और गुण भी अनंत हैं : स्वामी श्रीनिवासाचार्य


जीरकपुर/मोहाली : लोहगढ़ स्थित सर्व मंगल सोसाइटी में आयोजित की जा रही श्री राम कथा में कथावाचक स्वामी श्रीनिवासाचार्य, जो माता मनसा देवी स्थित संस्कृत गुरुकुल के संस्थापक भी हैं, ने आज कथा में कहा कि रामकथा सुंदर कर तारी। संसय बिहग उड़ावनिहारी॥ रामकथा कलि बिटप कुठारी। सादर सुनु गिरिराजकुमारी॥ राम नाम गुन चरित सुहाए। जनम करम अगनित श्रुति गाए॥ जथा अनंत राम भगवाना। तथा कथा कीरति गुन नाना॥
उन्होंने इसका भावार्थ बताते हुए कहा कि-श्री रामचन्द्रजी की कथा हाथ की सुंदर ताली है, जो संदेह रूपी पक्षियों को उड़ा देती है। फिर रामकथा कलियुग रूपी वृक्ष को काटने के लिए कुल्हाड़ी है। हे गिरिराजकुमारी! तुम इसे आदरपूर्वक सुनो॥ वेदों ने श्री रामचन्द्रजी के सुंदर नाम, गुण, चरित्र, जन्म और कर्म सभी अनगिनत कहे हैं। जिस प्रकार भगवान श्री रामचन्द्रजी अनन्त हैं, उसी तरह उनकी कथा, कीर्ति और गुण भी अनंत हैं।


उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्री राम ने कुछ ही जीवों का उद्धार किया होगा। हजारों, लाखों का। लेकिन भगवान श्री राम की कथा तो आज भी करोड़ों लोगो का उद्धार कर रही है। राम कथा सुनो , कृष्ण कथा सुनो, हरि कथा सुनो, शिव कथा सुनो आपके जो भी इष्ट देव है उनकी कथा सुनों, क्योंकि इस धरती पर अगर वास्तव में कुछ सुनने के लिए है तो वो है सिर्फ भगवान की कथा। और जिसने सुनी हैं तो दोबारा सुनो।
इस अवसर पर स्वामी जी ने शिव-पार्वती विवाह का भी सुंदर वर्णन किया।
इससे पहले स्वामी जी के नेतृत्व में सोसाइटी से सनातन धर्म मंदिर जीरकपुर तक कलश यात्रा निकली गई जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं कलश यात्रा का हिस्सा बनी। मंदिर से सोसाइटी वापसी की और कलश स्थापना के साथ श्री राम कथा की शुरुआत हुई।

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