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कामी, क्रोधी, लोभी व्यक्ति समाज में कभी प्रतिष्ठा नहीं पाते : ईश्वर चंद्र शास्त्री


इन तीनों बुराइयों से छुटकारा पाने के लिए सत्संग व कथा का आश्रय लेना चाहिए

चण्डीगढ़ : भगवान परशुराम भवन, सेक्टर 37 में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन देवालय पूजक परिषद् एवं ब्राह्मण सभा सेक्टर 37 के सहयोग से किया जा रहा है। कथा सुनाते हुए कथा व्यास आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री जी ने बताया कि काम, क्रोध और लोभ ये तीनों ही नरक के द्वार हैं। कामी क्रोधी लोभी व्यक्ति समाज में प्रतिष्ठा नहीं पाते। कामक्रोधादि असुर जब तक जीव के अंदर हैं, तब तक भगवान व भक्ति के बारे में विचार भी नहीं होता। संत कहते हैं, कामी, क्रोधी, लालची इनसे भक्ति न होई।

इन तीनों बुराइयों से छुटकारा पाने के लिए सत्संग व कथा का आश्रय लेना चाहिए। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने और श्री रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने इन तीनों को नरक के द्वार बताया है।
आज कथा में  मुख्य अतिथि में वरिष्ठ भाजपा नेता संजय टंडन ने इस कथा के उपलक्ष्य पर परिषद के सभी सदस्यों की सराहना की और शुभकामनायें दी। इस अवसर पर धारी देवी संकीर्तन मण्डली प्रधान श्रीमती आशा देवी एवं उनके सहयोगी और खेड़ा मन्दिर सेक्टर 28 की संकीर्तन मंडली के साथ श्री ब्राह्मण सभा, चण्डीगढ़ के प्रधान यश पाल तिवारी, डॉ लाल बहादुर शास्त्री पंडित ओम  प्रकाश , पंडित देवी प्रसाद,पंडित प्रकाश जोशी,पंडित  जय प्रकाश सेमवाल  एवं परिषद के अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कथा उपरांत आरती कर भंडारा प्रसाद वितरित किया गया।

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