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श्रीमद्भागवत कथा में भगवान की कई लीलाओं से उनकी मोहक छवि को दर्शाया


पंचकूला : माता मनसा देवी परिसर के संस्कृत गुरुकुल – श्री मुक्तिनाथ वेद विद्याश्रम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ का आज समापन हुआ। शुरुआत वेदी पूजन और पूर्णाहुति हवन यज्ञ से हुई। इसके बाद गुरुकुल संस्थापकाचार्य स्वामी श्रीनिवासाचार्य महाराज ने कथा वाचन किया। मंगलवार को सातवें दिन के रूप में आखिरी दिन रहा। उसके बाद महाराज ने भगवान की लीलाओं काे सुनाया। श्रीनिवासाचार्य ने बताया, भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी जी से तो विवाह किया। उनके साथ उनकी असंख्य रानियां भी रहीं। वास्तव में उन्होंने 16108 रानियों के साथ विवाह किया। भगवान ने जरासंध का वध कर उसका उद्धार किया। शिशुपाल को अपनें चरणों में स्थान दिया। उन्होंने भगवान की कई लीलाओं से उनकी मोहक छवि को दर्शाया। इस कार्यक्रम में गुरुकुल के सभी छात्रों सहित सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने शिरकत की। गुरुकुल के अध्यक्ष मुकुल बंसल, मंदीप साहनी, विवेक जॉली, सर्वेश सेठ और जेपी भारद्वाज मौजूद रहे। वहीं अश्वनी गुप्ता और जय किशन ने मुख्य यजमान की भूमिका अदा की।

भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की कोशिश तभी सफल होगी जब सहयोग करेंगे : मुकुल बंसल 
अध्यक्ष मुकुल बंसल ने कहा, गुरुकुल द्वारा समाज के उत्थान और सनातन के लिए किए जा रहे काम को सहयोग किया जा रहा है। इससे संस्कृत और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और वह आगे आने वाली पीढ़ी तक पहुंचेगी। भारत देश को पुनः विश्व गुरु बनाने के जो लिए जो कोशिशें की जा रही हैं वह काबिले तारीफ हैं। मन में श्रद्धा भाव के साथ ब्राह्मणों के लिए हर संभव सहयोग करने की जरूरत है। इसलिए सभी को एकजुट होकर चलना हाेगा। कथा के बाद आरती और भोग प्रसाद दिया गया। आखिर में श्रद्धालुओं को भंडारा-प्रसाद बांटा गया।

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