श्रीमद्भागवत कथा में स्वागत कृष्णा-स्वागत कृष्णा, हरे राधा-हरे कृष्ण व हरि बोल-हरि बोल के उद्घोषों से वातावरण हुआ गुंजायमान
चण्डीगढ़ : भगवान श्री परशुराम भवन, सेक्टर 37 में देवालय पूजक परिषद एवं श्री ब्राह्मण सभा के सहयोग से श्रीमद्भागवत कथा का अयोजन किया जा रहा है जिसमें कथा व्यास आचार्य ईश्वर चंद्र शास्त्री जी महाराज ने आज अपनी अमृतवाणी से कथा में राजा बलि और वामन भगवान की कथा, गजेंद्र और ग्राह मुक्ति कथा, राम जन्म कथा, बामन अवतार, कृष्ण जन्म कथा में देवकी वासुदेव तथा यशोदा नंद, दाऊदयाल जन्म और कृष्ण जन्म के प्रसंग भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया कथा व्यास बताया कि जब-जब अत्याचार और अन्याय बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है।
श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग कथा में आया तो भक्तों द्वारा स्वागत कृष्णा-स्वागत कृष्णा, नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की, हरे राधा-हरे कृष्ण एवं हरि बोल-हरि बोल का उद्घोष होने लगा तथा मोहन से दिल क्यूं लगाया है, यह मैं जानू या वो जाने के साथ नृत्य करने लगे। कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन संगीतमय भजनों द्वारा कृष्ण जन्म उत्सव धूमधाम से मनाया। कथा उपरान्त आरती करके फल, मक्खन-मिश्री का प्रसाद-भण्डारा वितरित किया गया। आज की कथा में मुख्य अतिथि सांसद मनीष तिवारी, चण्डीगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एचएस लकी, गढ़वाल सभा, चंडीगढ़ के प्रधान शंकर सिंह पंवार व भारतीय सांस्कृतिक ज्ञान संस्था, चण्डीगढ़ के अध्यक्ष अनूप सरीन सहित समस्त कार्यकारिणी की उपस्थिति रही।