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सुमित्रानंदन पंत की जयंती पर साहित्य, संस्कृति और सृजन का संगम।


74 छात्र-छात्राओं ने किया काव्य पाठ, ‘पंत पर्यटन पथ’ वृत्तचित्र रहा आकर्षण का केंद्र।

लेखक गांव/उत्तराखंड लाइव : प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत की 125वीं जन्म जयंती के अवसर पर देश के पहले लेखक गांव में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देहरादून के विभिन्न विद्यालयों से लगभग 74 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग करते हुए कवि पंत की प्रसिद्ध कविताओं का काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘सुमित्रानंदन पंत पर्यटन पथ’ पर आधारित वृत्तचित्र का प्रदर्शन रहा। पर्वतीय पर्यटन एवं आतिथ्य केंद्र, गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित इस वृत्तचित्र का संयोजन शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. सविता मोहन ने किया।

इस वृत्तचित्र के माध्यम से उत्तराखंड राज्य में साहित्य पर्यटन को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया गया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सविता मोहन ने की। संचालन मोनिका शर्मा एवं संयोजन पूजा पोखरियाल द्वारा किया गया। समापन पर प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

इस अवसर पर लेखक गांव के संरक्षक एवं पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल “निशंक” ने कहा, “सुमित्रानंदन पंत केवल प्रकृति के कवि नहीं थे, वे हमारी सांस्कृतिक चेतना के संवाहक थे। लेखक गांव के माध्यम से हम उनकी साहित्यिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।”

कार्यक्रम में  पद्मश्री कल्याण सिंह रावत “मैती”, प्रोफेसर प्रभाकर बडोनी, प्रोफेसर राकेश सुंदरियाल, बालकृष्ण चमोली, डॉ. बैचेन कंडियाल, फिल्म निर्माता उमाशंकर बहुगुणा, महेश पैन्यूली, पर्यटन उद्योग से जुड़े जितेन्द्र ठाकुर, राकेश सजवान एवं संदीप उनियाल आदि उपस्थित रहे।

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