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दून के प्राकृतिक जल स्रोतों का होगा जीर्णोद्धार।


बदहाल सभी जल स्रोतों का किया जा रहा चिन्हीकरण।

“मैती” सामाजिक संस्था और “पहाड़ी पैडलर्स” ने शुरू की पहल।

देहरादून/उत्तराखंड लाइव: अब राजधानी देहरादून के बदहाल प्राकृतिक जल स्रोतों के जीर्णोद्धार और संरक्षण का कार्य शुरू होने जा रहा है। सामाजिक संस्था “मैती” और “पहाड़ी पैडलर्स” ने इसका बीड़ा उठाया है। प्रथम चरण में देहरादून के सभी बदहाल प्राकृतिक जल स्रोतों का चिन्हीकरण किया जा रहा है।

रविवार को शिविर कार्यालय जिलाधिकारी देहरादून से “दून घाटी जल संरक्षण अभियान” के तहत “पहाड़ी पैडलर्स” द्वारा साइकिल जन जागरूकता यात्रा निकाली गई, जिसका शुभारंभ देहरादून के जिला अधिकारी “सविन बंसल” द्वारा झंडी दिखाकर किया गया।

जिला अधिकारी “सविन बंसल” ने कहा कि“प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के इस अभियान में जिला प्रशासन की ओर से हर संभव सहयोग दिया जाएगा”।

आमजन को इस ओर जागरूक करते हुए पहाड़ी पैडलर्स की साइकिल यात्रा राजपुर रोड और रायपुर होते हुए माल देवता रोड, केसरवाल स्थित प्राकृतिक जल स्रोत तक पहुंची, जहाँ आमजन को पैडलर्स द्वारा पर्यावरण और मानव जीवन के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों का महत्व बताते हुए इसके आसपास गंदगी न करने और उसके संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया।इस दौरान पहाड़ी पैडलर्स के सदस्यों द्वारा प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण के विषय में अपने विचार भी साझा किए गए।

पहाड़ी पैडलर्स के गजेंद्र रमोला ने कहा कि ये प्राकृतिक जल स्रोत देहरादून की पहचान रहे हैं। यदि इनका संरक्षण न किया गया तो आने वाले समय में जल संकट जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि “मैती” अभियान के प्रणेता पद्मश्री कल्याण सिंह रावत और पहाड़ी पैडलर्स के संयुक्त तत्वाधान में जिला अधिकारी देहरादून के सहयोग से यह अभियान शुरू किया गया है। जिसके प्रथम चरण में देहरादून के सभी बदहाल प्राकृतिक जल स्रोतों का चिन्हीकरण किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में इन सभी जल स्रोतों का जीर्णोद्धार कर संरक्षण का कार्य शुरू होगा। इसके लिए सबसे पहले इन जल स्रोतों के आसपास स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में समाजसेवी अनूप नौटियाल, महेश पैन्यूली, आशीष लखेड़ा सहित अन्य मौजूद रहे।

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