तीन दिवसीय समवाय 2025 का हुआ समापन
चंडीगढ़ । विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन सीएसआईआर-केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईआर-सीएसआईओ), चंडीगढ़ और श्री धनवंतरी आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, चंडीगढ़ ने मंगलवार को कॉलेज की स्वर्ण जयंती के अंतर्गत आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी – समवाय 2025 के समापन दिवस पर मॉडर्न बायोमेडिकल इंजीनियरिंग को पारंपरिक आयुर्वेदिक विज्ञान से जोड़ने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। सीएसआईओ-सीएसआईआर, चंडीगढ़ के निदेशक प्रोफेसर शांतनु भट्टाचार्य और कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर सुमित श्रीवास्तव के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
यह साझेदारी संयुक्त अनुसंधान पहलों को बढ़ावा देगी, फैकल्टी और छात्रों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगी और एआई-सक्षम, नॉन-इनवेसिव डायग्नोस्टिक और चिकित्सीय उपकरणों को सक्षम करेगी। दोनों संस्थान आपसी एक्सपरटाइज साझा करेंगे और क्लीनिकल ट्रायल्स करेंगे। यह समझौता ज्ञापन अकादमिक आदान-प्रदान, पीजी/पीएचडी स्कॉलर्स के जॉइंट स्टडी प्रोग्राम्स भी करेगी ।
इस समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में एनसीआईएसएम, नई दिल्ली के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी उपस्थित थे जबकि डॉ. एके अत्री, निदेशक प्रिंसिपल, जीएमसीएच सेक्टर 32, चंडीगढ़; वैद्य श्रीनिवास प्रसाद बुदुरु, अध्यक्ष, आयुर्वेद बोर्ड, एनसीआईएसएम, नई दिल्ली; वैद्य राकेश शर्मा, अध्यक्ष, नैतिकता और पंजीकरण बोर्ड, एनसीआईएसएम, नई दिल्ली और वैद्य महासभा, चंडीगढ़ के अध्यक्ष वैद्य अनिल भारद्वाज ने गेस्ट ऑफ़ ऑनर के रूप में भाग लिया, जिन्होंने सुखायु पत्रिका स्मारिका का विमोचन भी किया।
इससे पहले दिन में, पीजीआई चंडीगढ़ के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. रंजीत आर. पिल्लई ने मानसिक स्वास्थ्य में मल्टी डिसिप्लिनरी से ट्रांस डिसिप्लिनरी पर बात की, जबकि सीएसआईआर-सीएसआईओ चंडीगढ़ के सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. अमित लाडी ने बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और आयुर्वेदिक डिवाइस इनोवेशन पर प्रेजेंटेशन दी। केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पटियाला के रिसर्च ऑफिसर डॉ. महेश एस ने आयुर्वेद के नए शोध को साझा किया। एसजीटी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम की प्रोफेसर डॉ. आस्था चौधरी ने एकीकृत शिक्षण विधियों पर बात की। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के एसोसिएट डायरेक्टर और प्रोफेसर डॉ. विमल अरोड़ा ने दवा सुरक्षा पर प्रकाश डाला।