सिद्धपीठ धारी देवी मंदिर में घोड़े की सवारी का आनंद उठा रहे पर्यटक
श्रीनगर। सिद्धपीठ धारी देवी मंदिर में अब तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। दरअसल यहां अब नौकायन की सुविधा शुरु होने से अब भक्त धारी देवी के दर्शन के बाद अलकनंदा नदी में बोटिंग की सवारी का भी मजा ले रहे है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों की घोड़े की सवारी का भी आनंद उठा रहे है। सिद्धपीठ धारी देवी में मंदिर में बड़ी संख्या में चैत्र नवरात्र के मौके पर भक्त जन दर्शनों के लिए पहुंचे तो इस दौरान लोगों ने अलकनंदा नदी में बोटिंग की सवारी भी की। जिस तरह से धारी देवी में दर्शन के लिए लोग लाइन लगाते है, उसी तरह से लोग बोटिंग के लिए भी लाइन लगाते नजर आये। इसके साथ ही बच्चे घोड़े की सवारी के लिए काफी उत्सुक देखे।
लोगों ने अपने बच्चों को घोड़े की सवारी जमकर कराई। घोड़ा संचालक कन्हैया लाल ने बताया कि हर विशेष पर्व पर वह धारी देवी के अलकनंदा झील के किनारे पहुंचते है और घोड़े की सवारी करवाते है। कहा कि पहले नवरात्र पर भी काफी लोगों ने घोड़े की सवारी का आनंद उठाया। भक्त त्रिलोक, संजीव रावत ने बताया कि यहां एक मात्र बोट है, इसे और बढ़ाया जाना चाहिए तथा घोड़े संचालकों को स्वरोजगार मिले इसके लिए उन्हें यहां पर ठहरने की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों को घोड़े की सवारी से रोजगार मिल सके। मंदिर के पुजारी लक्ष्मी प्रसाद पांडेय ने बताया कि धारी देवी के दर्शन के लिए चैत्र नवरात्र के मौके पर बड़ी संख्या में भक्तजन पहुंचे है। उन्होंने कहा कि लाइन व्यवस्था के तहत दर्शन कराये गये। कहा कि पैदल रास्ते में अब टीनशिड का निर्माण हो चुका है, जिससे यात्री धूप-गर्मी से परेशान नहीं रहेगे।