चण्डीगढ़ लोकसभा चुनाव के लिए समाजसेवी प्रताप सिंह राणा ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की
20 सूत्रीय चुनावी संकल्प पत्र भी जारी किया
चण्डीगढ़ : चण्डीगढ़ लोकसभा चुनाव के लिए समाजसेवी प्रताप सिंह राणा ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। आज चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रताप सिंह राणा ने बताया कि आगामी लोकसभा चुनाव वह चंडीगढ़ से आजाद प्रत्याशी के तौर पर लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि वह कभी सक्रिय राजनीति में नहीं आना चाहते थे लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन के द्वारा रायपुर कला रेलवे अंडरपास परियोजना को राजनीतिक दबाव के कारण लगातार जानबूझकर लटकाए जाने से क्षुब्ध होकर उन्होंने चंडीगढ़ की जनता के बीच में जाने का फैसला लिया। कबीले जिक्र है कि उन्होंने अंडरपास को बनवाने के लिए 2018 से लेकर अभी तक कई बार आमरण अनशन रखा, बावजूद इसके हर बार चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों ने इस परियोजना जल्द पूर्ण करने की बजाय अपनी नकारात्मक भूमिका निभाई। एक जनहित परियोजना को जानबूझकर लंबित करने को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों तथा चंडीगढ़ के सभी राजनीतिक दलों को सबक सिखाने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया।उन्होंने आज एक 20 सूत्रीय चुनावी संकल्प पत्र भी जारी किया। पिछले 40 साल से चंडीगढ़ के संपर्क में रहने के कारण उन्होंने चंडीगढ़ के उन मुख्य मुद्दों को उठाया है जिन्हें आज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने छुआ तक नहीं है, जैसे कि चंडीगढ़ को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने संबंधी।
5 साल में चंडीगढ़ को सिग्नल फ्री बनाने का मुद्दा उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर पूरा करवाने का संकल्प किया है। सरकारी मकानों को खंडहर होने से बचाने संबंधी, चंडीगढ़ की सभी मार्केट में व्यवसाय को बढ़ाने संबंधी एवं सबसे बड़ी घोषणा उन्होंने जो की है वह है चंडीगढ़ के सभी हाउसिंग बोर्ड तथा स्टेट ऑफिस के अलॉटिस को मालिकाना हक दिलाने का वायदा किया है।
इसके अलावा भी उनके संकल्प पत्र में ऐसे कई मुद्दे हैं जिनको किसी भी राजनीतिक पार्टी ने आज तक छुआ नहीं है, जैसे कि सभी रजिस्टर्ड रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, सफाई कर्मचारी संगठन, व्यापार संगठन के अतिरिक्त चंडीगढ़ की जितनी भी रजिस्टर्ड इकाइयों के अध्यक्ष हैं को मनोनीत पार्षद बनाने से लेकर, अनुबंध आधार पर चंडीगढ़ प्रशासन एवं पीजीआई में कार्यरत वह सभी कर्मचारी जिन्हें 240 दिन की सेवा पूरी की है उनको तुरंत प्रभाव से नियमित किया जाएगा, चंडीगढ़ की महिलाओं को सीटीयू की बस में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा तथा बीपीएल परिवारों को 300 यूनिट तक फ्री बिजली तथा पानी, बीपीएल परिवार से संबंधित बेरोजगार युवाओं को मुफ्त ई-रिक्शा देने का वायदा किया है। उन्होंने बताया कि वह लगातार चंडीगढ़ की कॉलोनियों तथा गांव में रहने वाले लोगों के संपर्क में है तथा उन्हें पता है कि वहां की क्या मुख्य समस्याएं है जैसे की पेराफेरी एक्ट में संशोधन करने संबंधी अन्य कई समस्याओं के बारे में वह भली-भांति परिचित है।
बड़े-बड़े राजनीतिक दलों तथा पूंजीपति प्रत्याशियों के सामने मैं केवल चंडीगढ़ के लोगों के इस विश्वास के भरोसे इस चुनावी रण में उतरा हूं कि इस बार चंडीगढ़ के लोग किसी राजनीतिक पार्टी को नहीं बल्कि चंडीगढ़ के स्थानीय हितों को देखते हुए चंडीगढ़ का प्रत्येक मतदाता अपना कर्तव्य समझते हुए एक आम आदमी को सांसद चुनकर एक नया इतिहास बनाएंगे।