पीयू के सामाजिक समावेशन अध्ययन केंद्र द्वारा डॉ. अम्बेडकर का जीवन और दृष्टिकोण विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन
चण्डीगढ़ : पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ के सामाजिक समावेशन अध्ययन केंद्र (सीएसएसआई) द्वारा डॉ. अम्बेडकर का जीवन और दृष्टिकोण विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य प्रवक्ता प्रो. रतन सिंह थे। विश्वविद्यालय के विधि अध्ययन संस्थान (यूआईएलएस) के प्रो. वीरेंदर नेगी, जो सीएसएसआई के निदेशक भी हैं, द्वारा स्वागत भाषण दिया गया ।
मुख्य वक्तव्य में प्रो. सिंह ने डॉ. अम्बेडकर के जीवन और उनके योगदान के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर के प्रारंभिक जीवन के अनुभवों और एक हाशिए पर रहने वाले समुदाय के सदस्य के रूप में उनके द्वारा झेली गई चुनौतियों पर चर्चा की, जिसने सामाजिक न्याय और समानता पर उनके विचारों को आकार दिया। प्रो. सिंह ने महात्मा गांधी और डॉ. अम्बेडकर की विचारधाराओं की तुलना करते हुए उनके सामाजिक सुधार के अलग-अलग दृष्टिकोणों और उत्पीड़ितों को ऊपर उठाने के उनके साझा लक्ष्य पर बल दिया। प्रो. सिंह ने भारतीय संविधान को तैयार करने में डॉ. अम्बेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया व इसे एक अधिक न्यायसंगत और समतावादी समाज बनाने के साधन के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने विशेष रूप से आधुनिक भारत में असमानता और भेदभाव के मुद्दों को संबोधित करने में डॉ. अम्बेडकर की दृष्टि की आज की सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ में प्रासंगिकता पर भी चर्चा की। विशेष अतिथियों में डीएवी कॉलेज, सेक्टर-10 के समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ. जगदीश चंद्र और फोरेंसिक विज्ञान विभाग के प्रो. विशाल शर्मा की विशेष उपस्थिति रही। अंत में रिसर्च स्कॉलर के साथ वाद- विवाद ने आयोजन को और रोचक बना दिया। धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी विकास पूनिया द्वारा दिया गया, जिन्होंने चर्चा किए गए विषयों के महत्व और आज के समय में उनकी निरंतर प्रासंगिकता को स्वीकार किया।