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विकसित देशों और समाजों ने अपने ज्ञान के बल पर दुनिया पर राज किया और इस ज्ञान का स्रोत शिक्षक ही हैं : डॉ. ज़ोरा सिंह


चण्डीगढ़ : देश भगत विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस बड़े पैमाने पर मनाया गया, जिसमें विभिन्न संकायों के शिक्षण स्टाफ और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। देश भगत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ज़ोरा सिंह ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। भारत के दिवंगत राष्ट्रपति और महान शिक्षक, शिक्षाविद् और दार्शनिक डॉ. राधा कृष्णन को श्रद्धांजलि देते हुए डॉ. ज़ोरा सिंह ने कहा कि युवाओं, समाज और देश के विकास में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। विकसित देशों और समाजों ने अपने ‘ज्ञान’ के बल पर दुनिया पर राज किया और इस ज्ञान का स्रोत शिक्षक ही हैं। उन्होंने आगे कहा कि एक अच्छा शिक्षक हमेशा एक छात्र होता है जो बिना किसी अहंकार के सीखने के लिए हमेशा तैयार रहता है और अपना आत्मसम्मान बनाए रखता है। इस अवसर पर कुलपति डॉ. अभिजीत जोशी ने कहा कि शिक्षण एक महान पेशा है क्योंकि शिक्षक छात्रों और राष्ट्र के विकास, विकास और कल्याण पर बहुत बड़ा प्रभाव डालते हैं। उन्होंने अपने स्कूल और विश्वविद्यालय के शिक्षकों की यादें साझा कीं। इस अवसर पर प्रो-चांसलर डॉ. तजिंदर कौर, अध्यक्ष डॉ. संदीप सिंह और चांसलर के सलाहकार डॉ. वीरिंदर सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. हर्ष सदावर्ती और डीबी यू के रजिस्ट्रार ने सभी को बधाई दी और शिक्षकों से कहा कि वे अपनी योग्यता पहचानें और पेशेवर नैतिकता और नैतिक मूल्यों को अपनाएं।

समारोह का मुख्य आकर्षण निदेशकों, प्रशासकों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को उनके विशेष योगदान और समूह और विश्वविद्यालय के विकास के लिए विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित करने के लिए पुरस्कार समारोह था।
डा एच के सिद्धू ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा और कहा कि एक शिक्षक एक मित्र, एक मार्गदर्शक, एक दार्शनिक और एक पावर हाउस की तरह होता है जो छात्रों को सही रास्ता दिखाता है और उनके जीवन को जीने लायक बनाता है।

कार्यक्रम का संयोजन मीडिया और प्रदर्शन कला विभाग की निदेशक डॉ. सुरजीत कौर पथेजा ने किया, जिनके समर्पित प्रयासों से यह सफल हुआ। इस अवसर पर केक काटने की सेरेमनी के बाद एक रंगारंग सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी मंच पर गिद्दा और कैट वाक की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का मनोरंजक हिस्सा छात्रों द्वारा अपने शिक्षकों की नकल करना और उनका अभिनय करना था। उन्होंने उनके लिए परिस्थितिजन्य गीत गाए और उनके सम्मान और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में ग्रीटिंग कार्ड भेंट किए। कार्यक्रम के अंत में ऐसी मधुर यादें छोड़ी गईं, जिन्हें जीवन भर संजोकर रखा जाएगा।

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