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सुनैना जैन की कविता संग्रह “द पैचवर्क क्विल्ट” का विमोचन


चंडीगढ़ : सुनैना जैन, जो चंडीगढ़ के एमसीएम डीएवी कॉलेज फॉर वूमेन में अंग्रेजी की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, द्वारा रचित नई कविता संग्रह द पैचवर्क क्विल्ट का विमोचन यूटी गेस्ट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। इस अवसर पर पूर्व थलसेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक और पूर्व एडब्ल्यूडब्ल्यूए प्रेसिडेंट डॉ. रंजना मलिक ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। साथ ही, पूर्व आईएएस अधिकारी, लेखक, और प्रेरक वक्ता श्री विवेक अत्रे और पंजाब विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर व चंडीगढ़ साहित्य अकादमी की चेयरपर्सन प्रो. मंजू जैडका, एमसीएम कॉलेज की ऑफिशिएटिंग सुमन महाजन ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। गणमान्य अतिथियों ने इस संग्रह और लेखिका की काव्य प्रतिभा पर अपने गहन विचार साझा किए।

द पैचवर्क क्विल्ट काव्य संग्रह में लगभग 60 कविताएँ शामिल हैं, जो जीवन की जटिलताओं की गहराई से अध्ययन करती हैं और प्रेम, आत्मचिंतन, और सामाजिक दृष्टिकोण जैसे विषयों को आपस में बुनती हैं। यह काव्य संग्रह तीन खंडों—सेल्फ, लव और वर्ल्ड—में विभाजित है, और यह मानव भावनाओं और दृष्टिकोणों के सार को समेटे हुए है। डॉ सुनैना का लेखन व्यक्तिगत अनुभवों और सामान्य जीवन के बीच झूलता है, क्योंकि यह प्रेम की जटिलता, आत्म-परिचय के संघर्ष, और 21वीं सदी के समाज के दृष्टिकोण पर विचार करता है।

विमोचन के दौरान सुनैना जैन ने अपनी रचनात्मक यात्रा के बारे में साझा करते हुए कहा कि यह काव्य संग्रह दार्शनिक विचारों और मुक्त भावनाओं का एक मिश्रण है, जो दिल और दुनिया की उलझनों को समझने की कोशिश करता है। यह मेरी छोटी सी कोशिश है कि कविता की बारीकियों के माध्यम से पाठकों से जुड़ सकूं।

सुनैना जैन एक प्रखर पाठक और प्रतिष्ठित शिक्षाविद हैं। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उनके कविताएं म्यूज इंडिया, साउथ एशियन एंसेंबल, और न्यूऐंसेज एंड डायलॉग जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और अंतरराष्ट्रीय संकलनों में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने द रूटलेज हैंडबुक ऑफ इकोफेमिनिज्म एंड लिटरेचर और द रूटलेज हैंडबुक ऑफ ट्रांस लिटरेचर जैसे प्रतिष्ठित अकादमिक प्रकाशनों में अध्यायों का योगदान दिया है।

सुनैना जैन ने म्यूज इंडिया के लिए विभिन्न शैलियों की पुस्तक समीक्षाएँ की हैं और मई-जून 2022 के म्यूज इंडिया के विशेषांक “एथिक्स एंड पॉलिटिक्स ऑफ कल्चरल मेमोरी” का अतिथि-संपादन किया है। साहित्य के अलावा, सुनैना गायन, चित्रकला, और पाक-कला जैसे रचनात्मक कलाओं में भी रुचि रखती हैं। उन्होंने रचनात्मक लेखन, भाषा, और संचार कौशल पर कई कार्यशालाएँ आयोजित की हैं, जो शिक्षा और कला के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती हैं।उनकी साहित्यिक और रचनात्मक उपलब्धियाँ उन्हें समकालीन साहित्य में एक महत्वपूर्ण आवाज़ बनाती हैं। द पैचवर्क क्विल्ट अब पाठकों के लिए ऐमज़ॉन, तथा शहर की विभिन्न प्रतिष्ठित किताबों की दुकानों में उपलब्ध है

लेखिका के बारे में

सुनैना जैन, चंडीगढ़ के मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज में अंग्रेजी की सहायक प्रोफेसर हैं। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अंग्रेजी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। रचनात्मक लेखन, भाषा और संचार कौशल पर विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन करने के साथ-साथ, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में कई शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।उनकी कविताएँ म्यूज इंडिया, साउथ एशियन एंसेंबल, न्यूऐंसेज एंड डायलॉग जैसी प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं और शाउट इट आउट (लॉस्ट टॉवर पब्लिकेशंस, लंदन, 2016), ट्रैंक्विल म्यूज़ (ऑथर्सप्रेस, नई दिल्ली, 2018) और अक्विलरेल्स एंथोलॉजीज़: सिलेक्टिंग द बेस्ट (यूएसए, 2018) जैसी अंतरराष्ट्रीय संकलनों में प्रकाशित हुई हैं। उनकी अनुवादित कहानियाँ विगनेट्स (साहित्य अकादमी, 2018) संग्रह में शामिल हैं।

उन्होंने द रूटलेज हैंडबुक ऑफ इकोफेमिनिज्म एंड लिटरेचर (2022), नैरेटिव्स ऑफ ट्रॉमा इन साउथ एशियन लिटरेचर (2022) और द रूटलेज हैंडबुक ऑफ ट्रांस लिटरेचर (2024) जैसे प्रतिष्ठित अकादमिक प्रकाशनों में अध्यायों का योगदान दिया है। उनके द्वारा लिखित कुछ जीवनी प्रविष्टियाँ द रूटलेज इनसाइक्लोपीडिया ऑफ इंडियन राइटिंग इन इंग्लिश (2023) में प्रकाशित हुई हैं। इसके अलावा, उन्होंने हैप्पीनेस: एन एटरनल क्वेस्ट ऑफ बीइंग (ऑथर्सप्रेस, 2018) का सह-संपादन किया है। सुनैना जैन ने म्यूज इंडिया के लिए विभिन्न शैलियों की पुस्तक समीक्षाएँ की हैं और मई-जून 2022 के म्यूज इंडिया के विशेषांक “एथिक्स एंड पॉलिटिक्स ऑफ कल्चरल मेमोरी” का अतिथि-संपादन किया है। वह गायन, चित्रकला और पाक-कला जैसे विभिन्न रचनात्मक कलाओं में भी रुचि रखती हैं।

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