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राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू के श्रीमुख से मानस कथा की ज्ञानधारा प्रवाहित


मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेेश योगी आदित्यनाथ का पावन सान्निध्य

प्रयागराज :महाकुंभ की पवित्र धरती पर, परमार्थ निकेतन शिविर, अरैल, प्रयागराज में विश्व प्रसिद्ध राष्ट्रसंत पूज्य मोरारी बापू के श्रीमुख से प्रवाहित हो रही मानस ज्ञान गंगा में आज उत्तरप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का दिव्य आगमन हुआ।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और स्वामी संतोषदास जी (सतुआ बाबा) ने माननीय योगी आदित्यनाथ जी का अभिनन्दन किया।उत्तरप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मानस कथा में सहभाग कर अपने आशीर्वचनों से सभी को अभिभूत करते हुये कहा कि प्रयागराज की पावन धरा पर महाकुम्भ के दिव्य अवसर पर परमार्थ निकेतन की ओर से आयोजित पूज्य बापू की कथा में आने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज मैने देखा कि प्रयागराज के सारे घाट पावन श्रद्धालुओं से भरे हैं। यह भारत का दृश्य है जो जाति-पति से मुक्त भारत का संदेश दे रहा है; भारत की एकता का संदेश दे रहा हैं। यह दृश्य अखंड़ भारत का मार्ग प्रशस्त करने का संदेश दे रहा है।

माननीय योगी ने कहा कि मुझे पूज्य बापू की कई कथाओं में सहभाग करने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रत्येक कथा में कुछ न कुछ नया व रोचकता होती हैं। हरि अनंत, हरि कथा अनंता। उन्होंने कहा कि प्रयाग की धरती पर अक्षय वट है, सरस्वती कूप भी है, नागवासुकी का पावन मन्दिर है, महर्षि भारद्वाज जी का आश्रम है और पावन त्रिवेणी का संगम भी है इस पवित्र धरा पर आप सभी का अभिनन्दन है।

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष, स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि हम बहुत सौभाग्यशाली है कि हमें तीर्थराज प्रयाग महाकुम्भ में आने का अवसर मिल रहा है। 6 वर्ष में बाद एक अर्द्धकुम्भ आता है, 12 वर्ष में कुम्भ आता है और जब 12 कुम्भ हो जाते हैं तब महाकुम्भ आता है। अगला महाकुम्भ 2170 वें वर्ष में होगा। हम से पहले भी, हम और हमारे बाद भी शायद किसी को ऐसा अवसर प्राप्त होगा। हमें संगम के तट पर संगम के चरणों में संगम होने का अवसर मिल रहा है। हमारा जीवन संगम बने इसलिये तो यह अवसर प्राप्त हुआ है। स्वामी ने कहा कि पूज्य बापू के पावन चरणों में बैठना भी एक कथा है। कथा हमें श्रवण व समर्पण का लाभ प्रदान करती है। यह श्रवण से समर्पण की यात्रा है। श्रवण करते-करते प्रभु के प्रति समर्पण हो जाये यही तो संगम है।

 

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