शंकर महादेव की बारात जैसे कोई बारात दुबारा कभी नहीं निकली : आचार्य देशमुख
चण्डीगढ़ : ओम महादेव कावड़ सेवा दल द्वारा करवाई जा रही महाशिवपुराण कथा में आज आचार्य देशमुख द्वारा शंकर महादेव की बारात के बारे में बताया गया। उन्होंने कथा में बताया कि आपने अनेकों विवाह और बारात देखी होगी परंतु जैसा विवाह व जैसी बारात महादेव जी की निकाली गई ऐसी बारात कभी किसी दूल्हे की निकली ही नहीं। जैसे दूल्हे महादेव जी सजे, ऐसा कोई दूल्हा कभी नहीं सजा है । बहुत सी बारातें आगे भी होगी लेकिन शंकर के जैसे कोई बारात नहीं होगी। लाखों-करोड़ों का कपड़ा पहनकर दूल्हा चल पड़ेगा लेकिन वह शंकर के जैसा सुंदर नहीं लगेगा।
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सामान्य दृष्टि से देखें तो भगवान का रूप लगता है कि बागमबर पहना हुआ है, कंठ में सर्प की माला पहनी है परंतु अपने हृदय से आप देखगे तो वह भयंकर नजर नहीं आएगा, वो अभयंकर नजर आएगा। तन पर मुर्दे की भस्म डालने वाला भागांबर पहनने वाला भी आपको परम सुंदर नजर आएगा।
आज अगर किसी माता-पिता को पता चल जाए कि जिस लड़के के साथ हम अपनी लड़की की शादी कर रहे हैं और उसकी तीन आंखें हैं और वह शमशान में रहता है उसका कोई घर बार नहीं है, तो उसके साथ शादी कौन करेगा अपनी लड़की की? परंतु जब भीतरी दृष्टि जागृत होती है तब भगवान की सुंदरता का अनुभव होता है। जब बारात आई तो सखियों ने भी देख कर कहा कि यह बूढ़ा बाबा कहां से आ गया। हमारी पार्वती इतनी सुंदर है और हमने उसको खूब सजा दिया। ऐसा लग रहा है जैसे साक्षात लक्ष्मी सिंगार करके बैठ गई हो। वह भाग कर पार्वती की माता मैना के पास पहुंची और कहा, मैना मैया देखो द्वार पर कैसा दूल्हा आया है। जब मैना ने द्वार पर आए दूल्हे को देखा तो वह मूर्छित हो गई, क्योंकि हर मां चाहती है कि हमारी बेटी का विवाह के लिये सुंदर लड़का हो गुणवान हो लेकिन महादेव तो बैल पर बैठकर गले में सर्पों की माला डालकर बारात लेकर आ गए। जब मैना की मूर्छा खुली तो वह नारद को कोस रही थी कह रही यह सब आपका किया क्या हुआ है।
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नारद ने कहा माता, आपका दामाद दुनिया का सबसे सुंदर दूल्हा है। मैना ने नारद को गुस्से में कहा क्या खाक सुंदर दूल्हा है इतना भयंकर कि सारा हिमालय त्राहि-त्राहि कर रहा है। आप कह रहे हैं इस से सुंदर कोई भी बारात नहीं। तो नारद जी ने मैना से कहा कि आप चलो हमारे साथ, हम आपको सुंदरता का दर्शन कराएंगे। जब नारद जी मैंना को लेकर आए तो द्वार पर भोलेनाथ खड़े थे। विष्णु ने हाथ जोड़ लिए महाराज जी इस मां का संदेह मिटा दो और अपने इस भक्त के आग्रह पर इसे सुंदर स्वरूप का दर्शन कर दो। नारायण की बात भोलेनाथ कभी नहीं टालते थे। इतना कहना था कि भोलेनाथ एकाएक इतने सुंदर बन गए मानो सारी सृष्टि की सुंदरता फीकी पड़ गई हो।
संस्था के पदाधिकारी मोनू गर्ग एवं अशोक ने बताया कि चंडीगढ़ भाजपा के पूर्व प्रधान अरुण सूद ने आचार्य देशमुख से आशीर्वाद लिया व अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ कथा का श्रवण किया। कथा में संस्था के सदस्य नरेश गर्ग, भूषण गुलाटी , गौरव श्रीवास्तव, सोनू गर्ग एवम रिंकू आदि भी मौजूद रहे ।