ऑस्टियोआर्थराइटिस दर भारत में अधिक , ऑस्टियोआर्थराइटिस की व्यापकता 22-39%: डॉ. आदित्य अग्रवाल
जॉइंट रिप्लेसमेंट दर सबसे अधिक दर से बढ़ेगी: डॉ. आदित्य अग्रवाल
चंडीगढ़ बन सकता है मेडिकल टूरिज्म का पसंदीदा स्थान: डॉ. सौरभ वशिष्ठ
चंडीगढ़: लिवासा अस्पताल, मोहाली के डॉक्टरों ने शुक्रवार को ऑस्टियोआर्थराइटिस के बढ़ते रुझान और घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी में हालिया प्रगति के बारे में जागरूकता पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
इस अवसर पर पीजीआई चंडीगढ़ के भूतपूर्व प्रोफेसर और ऑर्थोपेडिक्स विभाग के प्रमुख और अबलिवासा में आर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी डाइरेक्टर डॉ (प्रोफेसर) आदित्य अग्रवाल और आर्थोपेडिक्स कंसल्टेंट डॉ. सौरभ वशिष्ठ उपस्थित थे।
लिवासा हॉस्पिटल्स 5 अस्पतालों, 750 बेड, 280 आईसीयू बेड, 6 कैथ लैब, 20 मॉड्यूलर ओटी के साथ पंजाब का सबसे बड़ा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल नेटवर्क है। चैन हर साल 3 लाख से अधिक रोगियों का इलाज कर रही है और यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा जॉइंट रिप्लेसमेंट कार्यक्रम चलाती है।
डॉ (प्रोफेसर) आदित्य अग्रवाल ने कहा, “ट्राइसिटी में बढ़ती कनेक्टिविटी के साथ, कई अंतरराष्ट्रीय मरीज़ मेडिकल वीजा पर चिकित्सा उपचार के लिए आ रहे हैं। विभिन्न दर्शनीय स्थलों की निकटता ट्राइसिटी में मेडिकल पर्यटन के प्रवाह को और बढ़ा रही है। इसके अलावा भारत में जॉइंट रिप्लेसमेंट अमेरिका या यूरोप की तुलना में काफी सस्ता है।”
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि 2023 में 6.1 मिलियन विदेशी पर्यटक मेडिकल वीजा पर भारत आए और 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 7.3 मिलियन हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, भारत में मेडिकल पर्यटन उद्योग 2026 तक 13 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय डॉक्टरों को दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षित डॉक्टरों के रूप में स्थान दिया गया है। हमारे सर्जिकल परिणाम बेहतर हैं और अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ तुलनीय हैं।
हिप रिप्लेसमेंट की लागत जो अमेरिका में लगभग 57000 अमेरिकी डॉलर है, उसी इम्प्लांट के साथ हिप रिप्लेसमेंट की लागत भारत में लगभग 7000 अमेरिकी डॉलर है। वीज़ा नीति में हालिया सुधार के साथ अधिकांश देशों के आगंतुक ई-वीज़ा का लाभ उठा सकते हैं और चिकित्सा उपचार के लिए यह अब ट्रिपल एंट्री लाभ के साथ 60 दिनों के लिए वैध है। सर्जरी के बाद फॉलो-अप के लिए मरीज़ उसी वीज़ा पर 60 दिनों के भीतर वापस भी आ सकते हैं। डॉ. सौरभ वशिष्ठ ने कहा, ”भारत में घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। संपूर्ण घुटना प्रतिस्थापन में जोड़ की सतह को फिर से बनाने के लिए घुटने के क्षेत्र में मेटल इम्प्लांट लगाना शामिल है। यह प्रक्रिया भारत में बेहद सफल है और घुटने की गंभीर समस्या वाले लोगों को गतिशील बने रहने के लिए इस सर्जरी से गुजरने की सलाह दी जाती है।”
पहले मरीजों को अस्पताल में 3-4 सप्ताह तक रहना पड़ता था, लेकिन हाल ही में रोबोटिक और नेविगेशन सर्जरी जैसी प्रगति के साथ, अब हम फास्ट्रैक घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी करते हैं जो 45-60 मिनट में पूरी हो जाती है। सर्जरी 3.5-4 इंच के छोटे कट से की जाती है और मरीज सर्जरी के 4 घंटे बाद चल सकते हैं।