कवि पृथ्वी सिंह बैनीवाल के दोहा संग्रह ‘विनाश की आहट’ का विश्व पुस्तक मेले में हुआ विमोचन
देश विदेश के साहित्यकार पुस्तक में दिखा रहे हैं रूचि
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती एक अनमोल धरोहर है दोहा संग्रह ‘विनाश की आहट’
चंडीगढ़/ दिल्ली। विश्व पुस्तक मेले में इंक पब्लिकेशन, प्रयागराज के स्टॉल पर कवि पृथ्वी सिंह बैनीवाल के पर्यावरणीय दोहा संग्रह ‘विनाश की आहट’ का भव्य विमोचन किया गया, जिसमें देश विदेश के अनेकों साहित्यकार, पर्यावरणविद और पाठक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। पुस्तक को पर्यावरण चेतना को जागृत करने वाली एक प्रभावशाली कृति के रूप में सभी ने सराहा और इसे ‘समय की जरूरत’ बताया।
इंक पब्लिकेशन से प्रकाशक दिनेश कुशवाहा ने कहा, कवि पृथ्वी सिंह बैनीवाल हिंदी साहित्य में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। प्रकाशित दोहा संग्रह ‘विनाश की आहट’ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एक साहित्यिक कृति नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती एक अनमोल धरोहर है, जो पर्यावरणीय चेतना को केंद्र में रखकर लिखी गई है, जो समाज को प्रकृति, वन एवं वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रेरित करती है।
कवि पृथ्वी सिंह बैनीवाल ने अपनी पुस्तक पर बात करते हुए कहा, ‘विनाश की आहट’ केवल एक काव्य संग्रह नहीं, बल्कि हमारी धरती की पीड़ा और उसकी पुकार है। मैंने इन दोहों के माध्यम से उस दर्द को अभिव्यक्त करने का प्रयास किया है, जो प्रकृति झेल रही है। जंगल कट रहे हैं, नदियाँ सूख रही हैं, वायु और जल प्रदूषित हो रहे हैं, ये सब संकेत हैं कि विनाश की आहट अब दूर नहीं। यदि हम आज भी नहीं जागे, तो आने वाले समय में यह विनाश हमारी आने वाली पीढ़ियों को एक भयावह भविष्य देगा।
इस अवसर पर कवयित्री पूनम पाण्डेय, सुरभि जैन, लेखिका डॉ मोनिका शर्मा, सविता सिंह सैवी, प्रतिमा पुष्प आदि बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं पाठक उपस्थित रहे।