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शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द 19 अक्तूबर को चण्डीगढ़ में गो ध्वज को स्थापित कर गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने पहुँचेंगे


चण्डीगढ़ : पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्‌गुरु शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द के निर्देशन एवं नेतृत्व में सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा बीती 22 सितम्बर से श्री अयोध्या धाम से आरम्भ हुई जोकि चण्डीगढ़ में 19 अक्तूबर को पहुंचेगी। ये जानकारी आज यहाँ चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज के प्रतिनिधियों ब्रम्हचारी मुकुन्दानंद जी एवं विकास पाटनी ने दी। उन्होंने बताया कि 26 अक्तूबर तक चलने वाली ये यात्रा भारत के समस्त 36 प्रदेशों की राजधानियों तक जाएगी तथा वहाँ एक गो ध्वज की स्थापना की जाएगी। गो प्रतिष्ठा आन्दोलन के संयोजक पूज्य गोपाल मणि जी महाराज भी पूरे समर्पण और शक्ति के साथ यात्रा की सफलता हेतु प्राण-प्रण से शङ्कराचार्य जी के साथ इस यात्रा पर हैं।

यात्रा के सह-संयोजक गोभक्त विकास पाटनी ने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सनातन धर्म में वेद, उपनिषद, पुराणों सहित समस्त धर्मशास्त्रों में गाय की महिमा कही गई है। गाय को पशु नहीं, अपितु माता की प्रतिष्ठा दी गई है। यही सनातनधर्मी हिन्दुओं की पवित्र भावना है, आस्था है। इसी धार्मिक के लिए संविधान एवं कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केंद्रीय सूची में प्रतिष्ठित कर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौहत्यामुक्त भारत बनाने के लिए सम्पूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन चलाया जा रहा है। यात्रा का समापन 26 अक्टूबर को दिल्ली में होगा जहाँ पूज्य जगद्‌गुरु शङ्‌कराचार्य जी द्वारा समस्त भारत के प्रखर गोभक्तों को सम्मानित भी किया जाएगा। चंडीगढ़ में पूज्य जगद्‌गुरू शङ्‌कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः जी 19 अक्टूबर को पधारेंगे जहां दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक गो ध्वज की स्थापना करेंगे व गो महासभा को सम्बोधित करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन पूज्य गोपाल मणि महाराज जी के गोपाल गोलोक धाम कैंबवाला में होगा जहां ध्वज स्थल को निश्चित किया गया है। इसके उपरान्त शंकराचार्य जी जम्मू को प्रस्थान करेंगे।

इस अवसर पर अखिलेश ब्रह्मचारी जी, सीताशरण जी महाराज, प्रदेश यात्रा संयोजक ओम पाल शर्मा, नंद कुमार, गिरिवर शर्मा, सुंदर लाल नौटियाल, आचार्य राकेश, जयवीर प्रसाद मित्तल, पीपी बलोदी, सुरेंद्र दत्त जोशी, सुभाष शास्त्री, चंद्र भूषण शास्त्री, ओम प्रकाश भटट, सौकार सिहं रावत आदि भारतीय गौ क्रांति मंच के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

इस गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा का लक्ष्य सम्पूर्ण भारत में गो प्रतिष्ठा आन्दोलन हेतु समस्त राष्ट्र के गोभक्त हिन्दुओं को जागृत कर एक सूत्र में पिरोने का है तथा गोमाता की दुर्गति, गो हत्या के कलङ्क को मिटाकर, पशु सूची के अपमान से हटाकर राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाना है। इस गो ध्वज स्थापना पद यात्रा का सूत्रवाक्य है: गौ माता, राष्ट्र माता राष्ट्र माता, भारत माता। गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा के उपरान्त देश की राजधानी दिल्ली में गोपाष्टमी के अवसर पर 7, 8 और 9 नवम्बर को तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी गो प्रतिष्ठा महासम्मेलन होगा जो भारत की सरकार को गौहत्या के कलङ्क को मिटाकर गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाने हेतु निर्णायक होगा।

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