छद्म सत्र चलाने की कांग्रेसी घोषणा लोकतंत्र और संवैधानिक प्रक्रियाओं का अपमान: भट्ट
नकली सरकार के गठन से कांग्रेस कर रही अपने अहम की तुष्ठि
देहरादून : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस द्वारा बजट सत्र के विरोध में गैरसेण में छद्म सत्र चलाने की घोषणा को उसका दोहरा चरित्र करार देते हुए कहा कि लगातार जनता द्वारा नकारे जाने के बाद नकली सरकार के संचालन से वह अपने अहम की तुष्टि ही कर सकती है। समानांतर सदन की यह घोषणा लोकतांत्रिक परंपराओं एवं संवैधानिक प्रक्रियाओं का अपमान है ।
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए भट्ट ने कहा कि इस तरह के राजनैतिक कार्यक्रम आयोजित कर कांग्रेस लोकतंत्र के मंदिर और संवैधानिक परंपराओं का अपमान कर रही हैं। कांग्रेस पार्टी का निर्णय उनके राजनैतिक दोहरेपन को पुनः उजागर करता है । एक तरफ उनके और तमाम अन्य विपक्षी विधायक बजट सत्र को देहरादून में कराने का अनुरोध करते हैं और दूसरी तरफ सत्र प्रारंभ होने के अगले दिन गैरसैंण में छद्म सत्र आयोजित करने का राजनैतिक नौटंकी की घोषणा करते हैं । उनका सिर्फ राजनैतिक लाभ की दृष्टि से लिया यह निर्णय, संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाने और लोकतंत्र के मंदिर की उपेक्षा करने का प्रयास है । जिन तमाम विषयों को लेकर वे सड़कों पर सदन चलाने का नाटक करने जा रहे हैं उन पर चर्चा का सर्वश्रेष्ठ मंच विधानसभा ही है । यह दुखद है कि कांग्रेस विधायकों के पास राजनीति करने का तो समय है लेकिन सदन में जनता के मुद्दों को उठाने का नही है ।
भट्ट ने कहा कि राज्य निर्माण से लेकर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने काम भाजपा सरकारों ने ही किया है । आज वहां जो भी चहुमुखी विकास हो रहा है वह राज्यवासियों की भावनाओं के प्रतीक गैरसैंण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का नतीजा है । सभी पक्ष के विधायकों के अनुरोध और आम चुनावों के अंतर्गत संक्षिप्त सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया गया है । जिस पर पहले स्वयं विपक्ष के नेता भी सहमत थे, लेकिन भ्रम फैलाकर राजनैतिक लाभ अर्जित करने के लिए कांग्रेस यह कोशिश कर रही है । सरकार पहले ही कह चुकी है कि ग्रीष्मकालीन सत्र गैरसैंण में ही आयोजित किया जाएगा, लेकिन चूंकि कांग्रेस के पास सदन में उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह यह राजनैतिक प्रपंच करने जा रही है ।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, जनता कांग्रेस को लगातार 10 वर्षों से एक के बाद एक अनेकों चुनावों में नकार चुकी है । और जिस तरह की मुद्दाविहीन एवं वैचारिक शून्यता के दौर से कांग्रेस गुजर रही है, उसको देखते हुए उनके नेताओं को दशकों तक सरकार में आने की उम्मीद नहीं है । यही वजह है कि वह स्वयं को झूठा दिलासा देने के लिए नकली सरकार का गठन करने जा रहे हैं ताकि अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं का भी दोहन किया जाए । उन्होंने कटाक्ष किया कि जिस तरह गुटबाजी के अंदरूनी हालत कांग्रेस में हैं उसे देखते हुए वे डमी सीएम और मंत्री चुन पाएंगे, विश्वास करना मुश्किल है । उन्होंने चेतवानी देते हुए कहा, वे सदन तो नकली दिखा सकते हैं लेकिन जनता असली है और लोकतंत्र शुद्ध है । लिहाजा लोकतांत्रिक परंपराओं के इस सार्वजनिक अपमान के लिए प्रदेशवासी उन्हे कभी माफ नहीं करेंगे और आगामी चुनावों करारा सबक सिखाने वाले हैं ।