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कम्प्यूटर एप्लिकेशन का छात्र विदेशियों को सिखाएगा योग।


श्रीदेवसुमन विवि ऋषिकेश परिसर का छात्र है रविकांत।
ऋषिकेश/उत्तराखण्ड लाइव।
कामियाबी तक पहुंचने के लिए एक नहीं सैकड़ों राहें होती हैं,जरूरत है तो बस अपने भीतर की आवाज सुनने की। तीर्थनगरी उत्तराखण्ड के छात्र रविकांत ने यह साबित कर दिखाया है। जिसकी बदौलत बीसीए की पढ़ाई कर चुका छात्र आज विदेश में योग सिखाने जा रहा है।

मूल रूप से बिहार व वर्तमान में तीर्थनगरी के रामझूला निवासी रविकांत यूं तो बीसीए यानी बैचुलर आॅफ कम्प्यूटर एप्लिकेशन के छात्र हैं और कम्पयूटर के क्षेत्र में कुछ करना चाहते थे। लेकिन समय का पहिया ऐसा घूमा कि। रविकांत का जीवन बदल गया। बीसीए के साथ ही रविकांत रामझूला क्षेत्र में शौकिया तौर पर योग प्रैक्टिस किया करते थे। वहीं इसी बीच उनका मन योग की ओर बढ़ने लगा और उन्होंने श्रीदेवसुमन विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड, ऋषिकेश परिसर के योग विज्ञान विभाग से डिप्लोमा इन योगिक साइंस में प्रवेश ले लिया। जहॉ उन्होंने योग की विभिन्न विधाओं के अलावा शारीरिक संरचना से सबंधित विषय नोटॉमी का भी अध्ययन किया। साल भर निरंतर योग को समय देने के बाद वे सभी विधाओं में पारंगत हो गए। इसी दौरान उन्होंने तीर्थनगरी के विभिन्न स्थानों पर कक्षाएं देना आरम्भ किया और धीरे—धीरे यहॉ अपना खुद का योग स्कूल खोल दिया। उसके बाद उन्होंने 7 माह तक गोवा में बतौर योग टीचर काम किया। चर्चाएं तेज हुई तो वियतनाम से उन्हें कॉल आई और वे वहॉ योग सिखाने के लिए राजी हो गए।
योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जय प्रकाश कंसवाल ने बताया कि रविकांत उनके होनहार छात्रों में से एक है। जो अपने अनुभव से अधिक योग कि क्रियाओं को समझते हैं।
प0ल0मो शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के प्राचार्य प्रो0 एमएस रावत ने छात्र रविकांत को गणेश प्रतिमा देकर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए बड़े गौरव का विषय है।

इन विधाओं में है विशेष पकड़ — हठयोग,अष्ठांग योग, ध्यान,प्रांणायाम।

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