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रंग बिरंगा दरबार सजाकर पंचमुखी हनुमान जी की पूजा हुई, पांच कलश बेदी की स्थापना और 108 मंत्रों से


पं. शंकराचार्य ने हनुमान जन्मोत्सव की अहमियत बताई

पंचकूला : यहाँ रामगढ़ के मोरठीकरी स्थित साईं मंदिर में पंचमुखी हनुमान जी का जन्मोत्सव रखा गया। पंड़ित शंकराचार्य ने खास सजावटी फूलों सहित गुलाब, गेंदा और ग्रीनरी से दरबार सजाया। पहले पंचमुखी हनुमान जी का अभिषेक पंचामृत से हुआ। पांच बेदी कलश की स्थापना हुई। 108 मंत्रों से हनुमान जी की स्तुति की गई। फिर विधिवत पूजा करके पंचमुखी हनुमान को भोग अर्पण पर प्रसाद बांटा। पं. शंकराचार्य ने हनुमान जन्मोत्सव की अहमियत बताई।

कहा, हनुमान जयंती का मौका आध्यात्मिक चिंतन और आत्मनिरीक्षण का समय रहता है। क्योंकि जो भक्त अपने जीवन में हनुमान के गुणों का अनुकरण करने की इच्छा रखते हैं उन्हें इस दिन विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही विभिन्न बाधाओं पर यह बाधाओं पर काबू पाने, आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने में भक्ति, विनम्रता और निस्वार्थता की शक्ति की याद दिलाता है। हनुमान जयंती के दिन और इसके अलावा मंगलवार को उनकी पूजा करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। घर में अक्सर होने कलह-क्लेश खत्म हाेता है। और जिन्हें गुस्सा आता है उनके मन को शांति मिलती है। हनुमान जी की पूजा में विशेष नियम हैं। अगर किसी को हनुमान जी से कोई फल प्राप्ति की इच्छा हो तो उन्हें 41 दिन तक नियमों का करनी चाहिए। जैसे सेवा करना, जमीन में सोना, प्याज लहसुन का इस्तेमाल न करना, अपनी आत्मा को शुद्ध रखना, अपनी वाणी शुद्ध रखना, किसी को बुरा भला नहीं कहना और संतुलित आहार करना। तभी उन्हें बजरंग बलि की कृपा प्राप्त होती है।

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