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आनंद मन की वह अवस्था है जिस तक अपनी शक्तियों पर विश्वास करके ही पहुंचा जा सकता है : कमांडेंट कमल सिसोदिया


सच्चा आनंद आत्मबोध और आत्मानुभूति द्वारा प्राप्त किया जा सकता है : डॉ. निशा भार्गव

चण्डीगढ़ : एमसीएम डीएवी महिला महाविद्यालय, चण्डीगढ़ में ‘द सोल इन सिम्फनी: जर्नी ऑफ हैप्पीनेस थ्रू सेल्फ एक्चुअलाइजेशन एंड सेल्फ रियलाइजेशन’- विषय पर दो दिवसीय बहुविषयक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 13 बीएन कमांडेंट कमल सिसौदिया ने जीवन के उतार-चढ़ाव से जुड़ी अपनी कहानी और उनसे जूझने के अपने मंत्र साझा किए। उन्होंने सभी से परम सत्ता से जुड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि आत्म स्वीकृति भीतर से आती है और आनंद मन की एक अवस्था है। उन्होंने श्रोताओं को आत्मानुभूति और आत्मबोध प्राप्त करने के लिए सरल उपाय बताए, जिसमें अपनी शक्तियों पर विश्वास, हर परिस्थिति में मुस्कुराना, नकारात्मक सोच से दूर रहना, दूसरों की मदद करना और परम सत्ता पर अटूट विश्वास शामिल थे।

ने कहा कि आनंद मन की एक अवस्था है जिस तक अपनी शक्तियों पर विश्वास करके ही पहुंचा जा सकता है। उच्च शिक्षा विभाग, चण्डीगढ़ प्रशासन के तत्वावधान में आयोजित, यह सम्मेलन आनंद पर किए गए सम्मेलनों की श्रृंखला में दूसरा आयोजन है, पहला सम्मेलन कॉलेज के स्वर्ण जयंती वर्ष 2018 में किया गया था। इससे पहले कॉलेज प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने आत्म-बोध को मनोवैज्ञानिक विकास के उच्चतम स्तर के रूप में संदर्भित करते हुए स्वामी परमहंस योगानंद जी के विचार साझा किए और सभी से आत्मिक शक्ति का अनुभव करने का आह्वान किया। डॉ. भार्गव ने अपनी स्वरचित कविता ‘सपनों का घर’ के माध्यम से इस तथ्य पर जोर दिया कि आत्म बोध द्वारा हमारे सपने वास्तविकता में बदल जाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सच्चा आनंद आत्मबोध और आत्मानुभूति द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

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