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जापान में छात्रों को नहीं दिया जाता गृह- कार्य, बच्चों को नहीं मिलती कोई सजा।


जापानी शैक्षणिक व्यवस्था से रूबरू हुई एनजीए की प्रधानाचार्या।
स्कूल प्रबंधन के साथ साझा किए जापान के शैक्षणिंक अनुभव।

ब्यूरो/उत्तराखण्ड लाइव: क्या आपको मालूम है कि जापान में छात्रों की गलती पर उन्हें कक्षा से बाहर नहीं किया जाता बल्कि उन्हें बैठा कर समझाया जाता है। वहीं छात्रों को घर के लिए कोई कार्य भी नहीं दिया जाता है। साथ ही कक्षा में साफ—सफाई की जिम्मेदारी भी छात्रों की ही होती है।  यह बात हम नहीं बल्कि निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी की प्रधानाचार्या का कहना है।

जी हॉ निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी की प्रधानाचार्या डॉ सुनीता शर्मा एवं फुटहिल्स एकेडमी की प्रधानाचार्या अनीता रतूड़ी ने‌ शैक्षणिक अनुभव एवं शिक्षा अधिगम कार्यक्रम के तहत जापान का शैक्षणिक भ्रमण किया। जहॉ उन्होंने जापान की शिक्षा व्यवस्था को बड़े करीब से देख उसका अनुभव किया। उन्होंने जापान के जाने—माने सरकारी एवं निजी विद्यालयों का भ्रमण किया,वहां की व्यवस्थाओं को परखा, छात्र-छात्राओं व अध्यापकों से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि जापान के विकसित होने में वहां की शिक्षा प्रणाली का बहुत बड़ा योगदान है। इस बात का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां की शिक्षा दर 100 प्रतिशत है।

 

क्या—क्या खूबी है जापानी की शिक्षा व्यवस्था में : — वहां की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में इन कुछ मुख्य बिंदुओं का मुख्य किरदार है जैसे कि —  

  • समय से और रोज स्कूल जाना।
  • प्राथमिक शिक्षा में नो होमवर्क का होना।
  • अध्यापक और छात्रों को एक साथ मिलकर दोपहर भोजन करना।
  • स्कूलों में साफ-सफाई का पूरा जिम्मा बच्चों के ऊपर होना।
  • जापानी सभ्यता में सभी को अभिवादन करके अपनी भाषा के स्तंभ को मजबूत करना।
  • बच्चों की गलती पर उन्हें कक्षा से बाहर नहीं निकालना‌ बल्कि उनकी गलतियों को सुधारने का प्रयास करना।
  • कक्षा में अपनी मर्जी से अपने विषयों को चुनने की आजादी।

डॉ सुनीता शर्मा ने बताया कि उनका अनुशासन सत्यनिष्ठता एवं आत्मनिर्भरता जो बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के दौर में ही सिखा दिया जाता है हमें भी अपने विद्यालय में इन बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे कि विद्यार्थी पूर्ण रूप से अनुशासित एवं आत्मनिर्भर बन‌ सके ।

निर्मल आश्रम महंत राम सिंह महाराज एवं संत जोध सिंह महाराज एवं फुटहिल्स एकेडमी प्रबंधक  सतीश शर्मा ने जापान से लोटने‌ पर हर्ष व्यक्त करते हुए प्रधानाचार्यो को बधाई दी और कहा कि आप का यह दौरा हमारे विद्यालयों एवं विद्यार्थियों हेतु‌ जरूर कारगर साबित होगा। समय-समय पर इस तरह के शैक्षणिक अनुभव एवं शिक्षा अधिगम कार्यक्रम होने चाहिए जिससे स्कूल प्रधानाचार्य एवं शिक्षकों को नए-नए तौर तरीकों को सिखने का मौका मिलता रहे ।

इस अवसर पर एनजीए हेडमिस्ट्रेस अमृतपाल डंग, प्रशासनिक अधिकारी विनोद बिज्लवाण, समन्वयक सोहन सिंह कैंतूरा, परीक्षा प्रभारी सरबजीत कौर, खेल शिक्षक दिनेश पैन्यूली एवं पूनम चौहान, जितेंद्र कुमार, मोनिका कपूर, अनिता ग्वाडीं, ममता पवार, सुनीता नेगी, ज्योति वर्मा, सारिका अरोड़ा, मंजू सकलानी, योगिता राजपूत, सुनीता आहूजा, विजेता, रत्ना नेगी, ज्योति पंवारसुनीता नेगी, ज्योति वर्मा, सारिका अरोड़ा, मंजू सकलानी, योगिता राजपूत, सुनीता आहूजा, विजेता, रत्ना नेगी, ज्योति पंवार, प्रवीण उपाध्याय, विकास गुप्ता, मंजू शर्मा, वंदना माथुर  उपस्थित थे।

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