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श्रीराम जी के चरित्र को जीवन में ढालने का प्रयास करें : सन्त रमेश भाई शुक्ला जी


चण्डीगढ़ : सेक्टर 20 स्थित प्राचीन श्री गुग्गा माड़ी हनुमान मन्दिर के सामने रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद् रामचरितमानस (रामायण) रामकथा दिव्य महोत्सव के समापन के मौके पर कथा व्यास विश्वविख्यात सन्त रमेश भाई शुक्ला ने प्रवचन के दौरान कहा कि रावण पर विजय प्राप्त करने के पश्चात श्री रामचंद्र जी ने इसका श्रेय सभी वानर सेना को दिया। उन्होंने कहा कि आप सबके कारण ही रावण पर विजय प्राप्त हुई है। जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में कोई सफलता प्राप्त करता है तो उसके पीछे सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त करना चाहिए।

संत रमेश भाई शुक्ला ने कहा कि इस राम कथा दिव्य महोत्सव के पीछे एक विशेष व्यक्ति का नहीं बल्कि तन-मन-धन से सहयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति का है। उन्होंने कहा कि 9 दिन तक जो कुछ भी सीखा है उसे जीवन में डालने का प्रयास करना चाहिए। गृह का अर्थ फर्ज एवं दायित्व है। यही जीवन की कला है और यही सिद्धांतों को सिखाता है। कथा के आधार पर जीवन को चलाना चाहिए। गॉड का अर्थ गो ऑन ड्यूटी भी है। खाली परमात्मा की भक्ति से ही सब कुछ नहीं होगा बल्कि अपने फर्ज को भी सही ढंग से निभायें।

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