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15 अगस्त पर दौड़ेगा पौड़ी का चंदोला राई गांव।


विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे युवा,महिलाएं व वृद्ध।
त्रयंबक फाउंडेशन करा रहा रन—भुला, रन—भुली कार्यक्रम।

ब्यूरो/उत्तराखण्ड लाइव

15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले के चंदोला राई गांव के सैकड़ों बच्चे, युवा, महिलाएं व वृद्ध रन भुला, रन भुली कार्यक्रम के तहत दौड़ लगा देश की आजादी के प्रति अपनी खुशी व उत्साह का इजहार करेंगे। दौड़ के जरिए जहाँ वे अपनी शक्ति व सामर्थ्य का प्रदर्शन करेंगे वहीं विभिन्न खेलों व प्रतियोगिताओं में उनकी रचनात्मक स्वतंत्रता के रंग दिखाई देंगे।

पौड़ी के चंदोला राई गांव को उन्नत और ग्रामीणों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से त्रयंबक फाउंडेशन की ओर से हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आगामी 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर रनभुला,रनभुली कार्यक्रम के तहत दौड़ व विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित ​होने जा रही है। खास बात यह है कि इन प्रतियोगिताओं में चंदोला राई गांव के न सिर्फ बच्चे और युवा बल्कि महिलाएं और वृद्ध भी बढ़—चढ़ कर हिस्सा लेने वाले हैं। यह मंच गांव क्षेत्र के उन बच्चों व युवाओं के लिए खास तौर पर है जो प्रतिभा के धनी होने के बावजूद आत्मविश्वास की कमी व मंच के अभाव में समाज की मुख्यधारा से दूर होने की कगार पर हैं। यह कार्यक्रम गांव की उन महिलाओं के लिए समाज में अपनी खुद की पहचान बनाने का भी एक अवसर है जो घर गृहस्थी और जिम्मेदारियों के बीच में खुद की इच्छाओं का दमन कर चुकी है। रन भुला, रन भुली कार्यक्रम परिवार के बीच अनदेखी और एकाकी जीवन काट रहे बुजुर्गों को घर से बाहर समाज के बड़े परिवार का अटूट हिस्सा बनने का मौका दे रहा है। वर्ष 2020 में चंदोला राई गांव में इस कार्यक्रम की पहली शुरूआत हुई थी। जिसके बाद से यह कार्यक्रम सतत रूप से आगे बढ़ रहा है। आगामी 15 अगस्त को इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पौड़ी जिले के जिलाधिकारी आशीष चौहान होंगे।

“मेजर गोर्की” का कहना है कि“वे हर वर्ष स्वतंत्रता दिवसगंणतंत्र दिवस पर इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करते हैं और ये अनवरत रूप से आगे भी चलता रहेगा। बताया कि उनका मुख्य लक्ष्य यहॉ के नौजवानों की प्रतिभा को निखार इस गांव को विकास का मॉडल के रूप में स्थापित करना है। ताकि इससे प्रेरित हो कर समूचे पौड़ी जिले व प्रदेश का विकास हो सके”।

 

कार्यक्रम में शामिल होंगे गांव के 150 से अधिक लोग: कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें गांव के लगभग प्रत्येक परिवार के करीब 150 से अधिक लोग विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने जा रहा है। इसके लिए गांव के लोग अभी से अपनी तैयारी में जुटे हुए हैं।

आकर्षण का केन्द्र होगा सांस्कृतिक कार्यक्रम: इस दौरान प्रतियोगिताओं के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहेगा। जिसमें गांव के बच्चों व युवाओं द्वारा देशभक्ति व पहाड़ की संस्कृति का बयान करते लोकगीत व नृत्य की प्रस्तुति देते नजर आएंगे।

विजेताओं को मिलेगा नकद इनाम: 15 अगस्त के उपलक्ष्य में होने वाले इस कार्यक्रम में विजेताओं के लिए आकर्षक इनाम भी रखा गया है। जिसके मुताबिक प्रतियोगिता में अव्वल आने प्रतिभागी को पांच हजार रूपए, दूसरे स्थान प्राप्त करने वाले को चार हजार रूपए तथा तीसरा स्थान पाने वाले को तीन हजार रूपए की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दी जाएगी।

गांव में इस परिवर्तन के सूत्रधार हैं मेजर गोर्की चंदोला: पौड़ी जिले के चंदोला राई गांव में आज जो यह परिवर्तन नजर आ रहा है इसके सूत्रधार आज के समय में मेजर गोर्की चंदोला व उनका परिवार है। सेना में मेजर रहे गोर्की चंदोला जब शहरी चकाचौंध व आराम से दूर अपने पैतृ​क गांव में ही बस गए तो पलायन की मार झेल रहे गांव में मानो रौनक लौट आई। मेजर चंदोला आज के समय में समाज सेवी, व्यवसायी, किसान, प्लंबर व मिस्री से लेकर, न जाने कितनी तरह की भूमिका निभाते दिख रहे हैं। गांव में प्याज, लहसुन, लेमनग्रास, दाल, मटर, भिंडी, अमरूद, आम और कई तरह की सब्जियों और कई किस्म के फलों को रोपा। पैतृक घर को होम स्टे में तब्दील कर गांव के ही लोगों को रोजगार दिया। स्वयं के ही प्रयासों से उन्होंने गांव तक सड़क पहुंचाई, गांव क्षेत्र के लोगों को आर्गेनिक फॉर्मिंग के लिए प्रेरित करने के साथ ही वे अब जल्द ही छात्र—छात्राओं की प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से इम्पावरमेंट सेंटर खोलने जा रहे हैं।

होम स्टे में पहुंचा दून स्कूल के छात्रों का ग्रुप: पिछले वर्ष ही उनके होम स्टे में देश के सर्वश्रेष्ठ व जाने माने विद्यालयों में से एक दून स्कूल के छात्रों का ग्रुप यहाँ सप्ताहभर के लिए ठहरा। जहाँ उन्होंने मेजर गोर्की की देखरेख में साहसिक गतिविधियों में हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहुंचे चंदोला राई गांव: यह मेजर गोर्की के गांव के प्रति समर्पण व चल रहे विकास कार्यों का सकारात्मक प्रभाव ही है कि सूबे के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बिना प्रस्तावित कार्यक्रम उनसे मिलने उनके पारंपरिक पहाड़ी शैली से निर्मित खूबसूरत होम स्टे पर पहुंचे व उनके कार्यों की सराहना भी की।

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