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तीस लाख रूपए की दौड़ में उत्तराखण्ड के 15 स्कूलों के छात्र।


“सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल”  में हुई  “अल्टीमेट स्पोर्ट्स क्विज़”  प्रतियोगिता ।

ब्यूरो/उत्तराखण्ड लाइव: सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय इंटर-स्कूल स्पोर्ट्स क्विज़ प्रतियोगिता अल्टीमेट स्पोर्ट्स क्विज़ में उत्तराखण्ड के विभिन्न 15 स्कूलों के सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया। चयनित छात्र—छात्राएं सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क चैनल पर फाइनल प्रतियोगिता में शामिल हो सकेंगे। विजेता टीम को तीस लाख रूपए की रकम दी जाएगी।

जानकारी के मुताबिक यह प्रतियोगिता देश के अलग—अलग राज्यों के 34 शहरों में  आयोजित की गई। जिसमें उत्तराखण्ड से पंजीकृत कुल 80 विद्यालयों में से 15 विद्यालयों की टीम ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। परीक्षा सुबह 11 बजे से 1 बजे तक चली। परीक्षा नियंत्रण की संपूर्ण व्यवस्था सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल देहरादून द्वारा की गई। प्रतियोगिता में अलग—अलग विद्यालयों की अलग—अलग टीमों ने प्रतिभाग किया। एक टीम में दो छात्र शामिल रहे। परीक्षा में पूछे गए प्रश्न आॅल इण्डिया स्तर के थे। क्वीज के स्टेट कॉर्डिनेटर डॉ0 कुलभूषण ने बताया कि यह परीक्षा पूरे देश में हर वर्ष आयोजित होती है। फाइनल में पहुंचने के लिए राज्य भर में प्रतिभागियों के लिए क्वालिफाइंग टेस्ट आयोजित होता है। जिसे पास करने के बाद ही टीम को मुम्बई जाने का मौका मिलता है।

बताया कि टीम के आने—जाने, रहने सहित सभी व्यवस्थाओं का खर्च प्रतियोगिता आयोजित करने वाली कंपनी की ओर से ही किया जाता है। बताया कि यह टेस्ट एक साथ भारत के अलग—अलग राज्यों के 34 अलग—अलग शहरों में आयोजित किया गया। उत्तराखण्ड में मसूरी, देहरादून, ऋषिकेश और डोईवाला से लगभग 15 स्कूलों की टीम ने हिस्सा लिया। बताया कि जीतने वाली टीम के विद्यालय को 30,00000 रूपए विद्यालय परिसर में स्पोर्टस गतिविधियों को बढ़वा देने के लिए इनाम स्वरूप दिए जाते हैं।

प्रतियोगिता में पंजीकरण के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता। पिछले वर्ष उत्तराखण्ड से मसूरी के सेंट जॉर्ज कॉलेज की टीम ने बेहतर प्रदर्शन कर सेमिफाइनल में अपनी जगह बनाई थी लेकिन फाइन में रह गए। वही टीम इस बार भी प्रतिभाग कर रही है। सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल देहरादून के स्वामी विपिन बलूनी ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं में शामिल होकर छात्र—छात्राओं का बौद्धिक विकास होता है। जीत हार तो शिक्षा का ही एक अंग हैं।

प्रत्येक विद्यालय और अभिभावकों को इन प्रतियोगिताओं में अपने बच्चों को प्रतिभाग कराना चाहिए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक पंकज नौटियाल ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताओं से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है। स्पोर्ट्स एचoओ0डी  ज्योति सिंह ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि बच्चों को रूटीन शिक्षा के अलावा भी इस तरह की शैक्षणिक गतिविधियों के शामिल किया जाए। प्रतियोगिता में परिक्षा नियंत्रक के रूप में दिनेश पैन्यूलीआशीष लखेड़ा जबकि पंजीकरण व्यवस्था में हिमांशु पंवार नवीन सिंह रहे।

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